MP में पुलिस बनी लुटेरी, कारोबारी से डेढ़ करोड़ की लूट, टीआई समेत 9 पुलिसकर्मी निलंबित

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में बंडोल थाना पुलिस पर 1.45 करोड़ रुपये की हवाला रकम हड़पने का आरोप लगा है। शुरुआती जांच में 9 पुलिसकर्मी निलंबित किए गए हैं।

Updated: Oct 10, 2025, 04:31 PM IST

सिवनी। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में पुलिसकर्मियों पर बड़ा आरोप लगा है। जिले के बंडोल थाने के 9 पुलिसकर्मियों पर 1.45 करोड़ रुपये की हवाला रकम लूटने का आरोप लगाया गया है। इस गंभीर मामले के सामने आने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। पुलिस विभाग पर लगे इन आरोपों की जांच शुरू कर दी गई है और शुरुआती कार्रवाई में बंडोल थाना प्रभारी समेत नौ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

जानकारी के अनुसार, इन सभी पुलिसकर्मियों पर काम में लापरवाही और संदिग्ध आचरण के आरोप लगे हैं। बताया जा रहा है कि मंगलवार की रात एक कारोबारी कटनी से नागपुर जा रहा था। उसके पास 1.45 करोड़ रुपये की नकदी थी जो हवाला के पैसों से जुड़ी बताई जा रही है। बंडोल थाना पुलिस को इसकी जानकारी मिली, जिसके बाद पुलिस ने सीलादेही के पास गाड़ी को रोक लिया और रकम बरामद कर ली।

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आरोप है कि पुलिस ने कारोबारी को कार्रवाई न करने का भरोसा दिया और रकम हड़प ली। अगले दिन जब व्यापारी को शक हुआ तो वह वापस सिवनी पहुंचा और कोतवाली में जाकर पूरी घटना की शिकायत दर्ज कराई। इसी शिकायत के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ और जांच शुरू हुई। शिकायत के आधार पर पुलिस विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए बंडोल टीआई अर्पित भैरम सहित नौ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। इनमें सीएसपी कार्यालय सिवनी के रीडर रविंद्र उइके, ड्राइवर, दो गनमैन, सीएसपी कार्यालय में तैनात दो आरक्षक और बंडोल थाने के एक आरक्षक भी शामिल हैं।

निलंबित पुलिसकर्मियों में उप निरीक्षक अर्पित भैरम, जो बंडोल थाना प्रभारी हैं, प्रमुख आरक्षक माखन (203), प्रमुख आरक्षक रविंद्र उइके (447) जो एसडीओपी कार्यालय सिवनी में रीडर हैं, आरक्षक जगदीश यादव (803), आरक्षक योगेंद्र चौरसिया (306), आरक्षक चालक रितेश (582), आरक्षक नीरज राजपूत (750) जो बंडोल थाने में तैनात हैं, और दो गनमैन, केदार (610) तथा सदाफल (85) शामिल हैं। दोनों गनमैन एसडीओपी सिवनी के साथ 8वीं वाहिनी विसबल छिंदवाड़ा में पदस्थ थे।

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माना जा रहा है कि मामला केवल निचले स्तर तक सीमित नहीं रह सकता। ऐसा इसलिए क्योंकि शुरुआती जांच में यह भी संकेत मिले हैं कि इस पूरी घटना की जानकारी पुलिस विभाग के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों तक भी हो सकती है। इसलिए अब वरिष्ठ अधिकारियों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है।