जुड़वा भाइयों के 3 हत्यारों को हुई दोहरी उम्र कैद की सज़ा, सतना कोर्ट ने पांचों आरोपियों को सुनाई सज़ा

चित्रकूट के रहने वाले दो अबोध जुड़वा भाइयों श्रेयांस और प्रियांश का फरवरी 2019 में दो लोगों ने अपहरण कर लिया था, फिरौती की रकम मिलते ही अपहरण कर्ताओं ने मासूम बच्चों की हत्या कर शवों को यमुना में बहा दिया था, इस प्रकरण में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें से एक ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी

Updated: Jul 27, 2021, 08:35 AM IST

Photo Courtesy: liveHindustan.com
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सतना। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित जुड़वा भाई मर्डर केस में सतना की अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। अदालत ने तीन आरोपियों को दोहरी उम्रकैद की सज़ा सुनाई है। जबकि दो को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने पांचों आरोपियों को जुड़वा भाई मर्डर केस में दोषी माना है। आरोपियों में से एक पदमकांत शुक्ला को बीजेपी नेताओं का करीबी माना जाता रहा है। 

सोमवार को सतना के ज़िला सत्र न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुशवाह ने इस मामले की सुनवाई की। आरोपी पक्ष के वकील ने न्यायाधीश से आरोपियों को फांसी की सजा नहीं देने की अपील की। आरोपी पक्ष के वकील ने यह दलील दी थी कि चूंकि सभी आरोपियों ने पहली बार अपराध किया था तथा इनकी उम्र बेहद कम थी इसलिए इन्हें फांसी की सजा न सुनाई जाए। मर्डर केस के सभी आरोपियों की उम्र 23 से 26 साल के बीच में है। 

अपर सत्र न्यायाधीश ने अपनी सुनवाई में मामले के तीन आरोपियों पदमकांत शुक्ला, आलोक सिंह और राजू द्विवेदी को हत्या और अपहरण दोनों का दोषी माना है। जबकि दो अन्य आरोपी विक्रमजीत और अपूर्व यादव को अपहरण की साजिश रचने का दोषी माना है। न्यायाधीश ने सुनवाई पूरी करने के बाद तीन आरोपियों को दोहरी उम्र कैद की सजा सुनाई। आजीवन कारावास की अवधि पूरी होने के बाद दोबारा से इन सभी आरोपियों की उम्र कैद की सजा शुरू हो जाएगी। 

क्या है मामला 

चिकत्रकूट के रहने वाले तेल कारोबारी बृजेश रावत के 6 वर्षीय दो जुड़वा बच्चों का 12 फरवरी 2019 को सतना के नयागांव क्षेत्र स्थित सदगुरु स्कूल परिसर से अपहरण किया गया था। दोनों बच्चे श्रेयांश और प्रियांश इसी स्कूल में पढ़ते थे। दोनों का अपहरण करने के बाद किडनैपर्स ने दो करोड़ की फिरौती मांगी थी। किडनैपर्स बच्चे की हत्या पहले ही कर चुके थे। लेकिन इसके बाद भी अपराधियों ने बीस लाख की फिरौती वसूली और बच्चों के शव को यूपी के बांदा जिले में यमुना नदी में बहा दिया। बच्चों के शव 24 फरवरी 2019 को बरामद हुए थे।

इस पूरे मामले में कुल 6 आरोपियों को हिरासत में लिया गया था। लेकिन इन आरोपियों में से एक रामकेश यादव ने सतना जेल में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। किडनैपर्स में से एक पदमकांत शुक्ला बीजेपी नेताओं का करीबी माना जाता रहा है। गिरफ्तारी के बाद अपराधी की भाजपाई नेताओं के साथ तस्वीर भी जमकर वायरल हुई थी। पदमकांत शुक्ला का छोटा भाई विष्णुकांत शुक्ला बजरंग दल का स्थानीय क्षेत्र संयोजक था। पुलिस ने बच्चों के अपहरण और हत्या के दौरान उपयोग में लाई गई बाइक और चार पहिया वाहन पकड़े थे। बाइक पर राम राज्य की नम्बर प्लेट थी जबकि कार पर भाजपा के झंडे लगे हुए थे।