श्योपुर: डूबते को टहनी का सहारा, उफनते नाले में बहा युवक पेड़ की टहनी पर लटका रहा 3 घंटे, होम गॉर्ड ने बचाया
श्योपुर – शिवपुरी हाईवे पर शहर से महज 10 किलोमीटर दूर होकर गुजर रहे बाबंदा नाले में तेज बारिश के कारण आए उफान आ गया। तभी जंगल से घर जा रहा एक युवक रामजीलाल आदिवासी नाले के बहाव में बह गया। बहते समय युवक ने किसी तरह पेड़ से लटकती एक टहनी को पकड़ लिया, जिससे वह करीब तीन घंटे से ज्यादा समय लटका रहा।
श्योपुर। एक मुहावरा है "डूबते को तिनके का सहारा" इसका मतलब है संकट में पड़े व्यक्ति को थोड़ी मदद मिलना। श्योपुर में नाले में बह कर जा रहे युवक को टहनी का सहारा मिलने से उसकी जान बच गई। दरअसल श्योपुर – शिवपुरी हाईवे पर शहर से महज 10 किलोमीटर दूर होकर गुजर रहे बाबंदा नाले में तेज बारिश के कारण आए उफान आ गया। तभी जंगल से घर जा रहा एक युवक रामजीलाल आदिवासी नाले के बहाव में बह गया। बहते समय युवक ने किसी तरह पेड़ से लटकती एक टहनी को पकड़ लिया, जिससे वह करीब तीन घंटे से ज्यादा समय लटका रहा।
इसके बाद युवक मदद मांगने के लिए जोर-जोर से चिल्लाता रहा। उसकी आवाज सुनकर किसी व्यक्ति ने स्थानीय पुलिस प्रशासन को इस मामले की जानकारी दी। जिसके बाद एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर युवक को सुरक्षित बाहर निकाला। नाले में बहाव तेज होने के युवक के बचाव कार्य में दो घंटे से ज्यादा का समय लगा। इस दौरान कलेक्टर शिवम वर्मा सहित प्रशासन, पुलिस, होम गार्ड की टीम एवं अन्य अधिकारी, कर्मचारी भी मौजूद रहे। रामजी लाल आदिवासी को प्राथमिक उपचार हेतु श्योपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहाँ उसकी हालत खतरे से बाहर है।
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एक अन्य मामले में श्योपुर में सीप नदी में बहने से तीन बच्चियों की मौत हो गई दरअसल मायापुर गांव की चार बच्चियां नहाने के लिए सीप नदी पहुंची हुई थी। नदी में तेज बहाव के कारण चारों बच्चियां डूब गई, ग्रामीणों ने एक बच्ची को बचा लिया। पुलिस ने गोताखोरों की मदद से तीनों के शव नदी से निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए है।