MP By Election: शिवराज को चुनाव के बीच आई औरंगज़ेब की याद, कमलनाथ बोले, सौदेबाजी से सिर्फ सरकार नहीं प्रदेश की प्रतिष्ठा भी गिराई

Kamal Nath Vs Shivraj: शिवराज ने कहा मैं कोई औरंगजेब नहीं जो खजाना लूटकर चला जाऊंगा, कमलनाथ ने दिमनी में कांग्रेस प्रत्याशी के भाई से मारपीट पर पुलिसवालों को चेताया

Updated: Oct 18, 2020, 07:40 PM IST

Photo Courtesy: Economic Times
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भोपाल। मध्य प्रदेश के उपचुनाव में सूबे के मौजूदा और पूर्व मुख्यमंत्री के एक-दूसरे पर हमले लगातार तीखे होेते जा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज चौहान पर सौदेबाजी करके मध्य प्रदेश का नाम खराब करने का आरोप लगाया। दूसरी तरफ, सीएम शिवराज कमलनाथ पर पलटवार करते-करते अचानक औररंगज़ेब को याद करने लगे। दोनों ही नेताओं के ये तीखे तेवर शनिवार को अलग-अलग चुनावी सभाओं में देखने को मिले।

सौदेबाजी से सरकार गिराकर प्रदेश का नाम खराब किया

पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने दिमनी की रैली में शिवराज सिंह चौहान के साथ-साथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी जमकर निशाना साधा। कमल नाथ ने कहा कि बीजेपी ने सौदेबाजी के जरिये प्रदेश की लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को गिरा कर पूरे देश में सूबे का नाम खराब किया है। कमल नाथ ने कहा कि शिवराज ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में विकास नहीं होने का आरोप लगाते हैं। शिवराज ठीक कहते हैं, क्योंकि प्रदेश में 15 साल तक वही सत्ता पर काबिज़ थे और इस क्षेत्र के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया थे। इसलिए विकास नहीं होने की जवाबदेही इन्हीं लोगों की है।

कमलनाथ ने कहा कि हमारी सरकार को तो विकास के लिए केवल 15 महीने मिले थे। उसमें भी ढाई महीना लोकसभा चुनाव और एक महीना बीजेपी-सिंधिया की सौदेबाजी ने खराब कर दिया। यानी हमें काम करने के लिए तो सिर्फ साढ़े ग्यारह महीने मिले, उसमें भी हमने अच्छा काम करके दिखाया।

पुलिस वालों को कमलनाथ की चेतावनी

कमलनाथ ने अपने भाषण में कांग्रेस उम्मीदवार रवींद्र भिडौसा के भाई के साथ पुलिसिया मारपीट की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि 3 नवंबर को वोटिंग के बाद 4 तारीख भी आएगी। 'पुलिस वाले क्या सोचते हैं कि 307 सिर्फ वही लगा सकते हैं? कमलनाथ को भी 307 लगाना बखूबी आता है।' कमलनाथ ने चेतावनी भरे लहजे  में कहा कि बीजेपी का बिल्ला लेकर घूमने वाले अफसरों की पैंट कमीज़ तक नहीं बचेगी। 

शिवराज को आई औरंगज़ेब की याद

शिवराज सिंह चौहान ने भी सांची की अपनी रैली में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर तीखे हमले किए। शिवराज ने आरोप लगाया कि कमलनाथ सरकार ने किसानों की बीमा राशि का भुगतान नहीं किया था, लेकिन उनकी छोड़ी हुई ब्याज की गठरी हमने भर दी है। अब किसानों को उनकी एक-एक पाई मिल जाएगी। 

शिवराज ने कहा कि कमलनाथ अपने पूरे कार्यकाल के दौरान खजाना खाली होने का रोना रोते रहे। कमलनाथ यही कहते रहे कि शिवराज ने खजाना खाली कर दिया। अब मैं कोई औरंगज़ेब तो नहीं, जो पुराना खजाना लूट कर चला गया। शिवराज सिंह चौहान ने यह कहते समय रोने की मुद्रा बना ली, जिस पर आस पास मौजूद लोग ठहाके लगाने लगे। 

जरा इतिहास तो पढ़ लेते शिवराज चौहान

चुनावी सभाओं में आरोप-प्रत्यारोप तो होते रहते हैं और लोक तंत्र में दो राजनीतिक दल एक-दूसरे की नीतियों की आलोचना करें इसमें भी कोई बुराई नहीं है। लेकिन इस आलोचना के दौरान कई बार ऐसी बातें कही जाती हैं, जिनका दरअसल कोई मतलब नहीं निकलता। हां, कुछ लोगों का मनोरंजन ज़रूर हो सकता है। सांची की रैली में शिवराज चौहान ने अचानक जिस तरह औरंगज़ेब को याद किया, वह भी कुछ ऐसा ही मामला है। भला इक्कीसवीं सदी में मध्य प्रदेश सरकार का खजाना खाली हो या भरा, इसका सत्रहवीं सदी के शासक औरंगज़ेब से क्या लेना देना? इतना ही नहीं शिवराज के इस बयान ने अपने देश के इतिहास के बारे में उनकी कमज़ोर जानकारी की पोल भी खोल दी। उनकी बातों से लगता है कि वे औरंगजेब को खजाना लूटकर भाग जाने वाला गज़नवी जैसा कोई लुटेरा समझते हैं, जबकि सच ये है कि औरंगज़ेब न तो बाहर से आया लुटेरा था और न वो देश छोड़कर कहीं चला गया था। औरंगजेब का जन्म गुजरात के दाहोद में हुआ था और निधन महाराष्ट्र के अहमदनगर में। उसने उनचास साल तक शासन किया, जिसके तौर-तरीकों की कड़ी आलोचना कोई भी कर सकता है, लेकिन उसे खजाना लूटकर चला जाने वाला कहकर शिवराज ने यही दिखाया है कि देश के इतिहास की सही समझ न तो उनके पास है और न ही उनकी इस बात पर ठहाके लगाने वालों के पास।