Singrauli: रिश्वत के लिए करार बना मुसीबत, अब CBI ने दर्ज किया केस

सिंगरौली के NCL का टेंडर पाने के लिए ठेकेदार ने दी रिश्वत, टेंडर नहीं खुलने पर वापस मांगी घूस की रकम, ठेकेदार ने घूसखोर से एग्रीमेंट कर पैसे वापसी का दिया समय, कोर्ट के आदेश पर CBI ने दर्ज किया केस

Updated: Feb 04, 2021, 01:02 PM IST

Photo Courtesy: twitter
Photo Courtesy: twitter

भोपाल। मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी का एक अनोखा मामला सामने आया है। सिंगरौली स्थित नॉर्दन कोलफील्ड्स लिमिटेड का टेंडर पाने के लिए पहले घूस दी गई। बाद में रिश्वत वापस लेने के लिए करारनामा यानि एग्रीमेंट भी तैयार किया गया। अब मामला कोर्ट पहुंचा है, जिसके बाद हाइकोर्ट ने रिश्वत देने और लेने वाले दोनों लोगों के खिलाफ सीबीआई में केस दर्ज करने का आदेश दिया है।  

दरअसल उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के एक ठेकेदार ने NCL का टेंडर हासिल करने के लिए दिलीप कुमार श्रीवास्तव नाम के शख्स को साढ़े 6 लाख रुपए की रिश्वत दी। पहले तो दिलीप ने एसएम अंबेडकर डेवलपर्स एंड कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के संचालक सूरजमल अंबेडकर से वादा किया कि वह उसे टेंडर दिलवा देगा। बाद में दिलीप का लालच जागा औऱ उसने सूरजमल से कहा कि कोई दूसरी कंपनी दस लाख रुपये टेंडर खुलवाने के लिए दे रही है, उसने टेंडर खुलवाने के लिए दस लाख रुपये की मांग की। जिसके बाद ठेकेदार सूरजमल को टेंडर नहीं मिला। जब उसके पक्ष में टेंडर नहीं खुला तो वह आग बबूला हो गया।

 और पढ़ें: लोकायुक्त पुलिस ने आयुष विभाग के क्लर्क को 80 हजार की रिश्वत लेते किया गिरफ्तार

सूरजमल ने दिलीप से अपने साढ़ 6 लाख की रकम वापस मांगी। पहले तो दिलीप ने आनाकानी की लेकिन फिर 26 नवम्बर 2018 को एक एग्रीमेंट किया, जिसमें उसने वादा किया था कि वह सूरजमल के पैसे छह महीने में बिना ब्याज के वापस लौटा देगा। जब 6 महीने तक सूरजमल को उसके पैसे नहीं मिले तो उसने हाईकोर्ट में मामले की शिकायत कर दी। जिस पर हाईकोर्ट ने सूरजमल को रिश्वत देने का दोषी मानते हुए उसके खिलाफ भी FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि रिश्वत लेना और देना दोनों अपराध है।