सीता का जीवन तलाकशुदा महिला जैसा, MP के उच्च शिक्षा मंत्री ने की अमर्यादित टिप्पणी

मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने मां सीता की तुलना तलाकशुदा महिला से कर विवादों में घिर गए हैं।

Updated: Dec 19, 2022, 06:45 AM IST

उज्जैन। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव एक बार फिर अपने बयानों से विवादों में घिर गए हैं। मंत्री यादव ने अपने के अमर्यादित बयान में मां सीता की तुलना तलाकशुदा महिला से की है। इतना ही नहीं मां सीता के धरती में समाने को आज को उन्होंने आत्महत्या के समान बताया है।

जानकारी के मुताबिक बीजेपी मंत्री यादव उज्जैन नागदा/खाचरोद विधानसभा क्षेत्र में रविवार रात कारसेवक सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने भगवान शिव, प्रभु श्री राम व माता सीता को लेकर बातचीत करते हुए अमर्यादित टिप्पणी की। मंत्री ने कहा कि मर्यादा के कारण राम को सीता को छोड़ना पड़ा। उन्होंने वन में बच्चों को जन्म दिया। कष्ट झेलकर भी राम की मंगलकामना करती रहीं। आज के दौर में ये जीवन तलाक के बाद की जिंदगी जैसा है।

बीजेपी मंत्री ने आगे कहा कि जिस सीता माता को राम इतना बड़ा युद्ध करके लाए, उन्हें गर्भवती होने पर भी राज्य की मर्यादा के कारण छोड़ना पड़ा। उस सीता माता के बच्चों को जंगल में जन्म लेना पड़े, वह माता इतने कष्ट के बावजूद भी पति के प्रति कितनी श्रद्धा करती है कि वह कष्टों को भूल कर भगवान राम के जीवन की मंगल कामना करती है। आमतौर पर आज का समय हो, तो यह तलाक के बाद का जीवन समझ लो आप। किसी को घर से निकाला दो, तो ये और क्या है।

मंत्री यादव यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि जब पृथ्वी फट गई, तो माता उसमें समा गई। सरल और सरकारी भाषा में कहा जाए, तो उनकी पत्नी ने उनके सामने शरीर छोड़ा। शरीर छोड़ने को आत्महत्या के रूप में माना जाता है। आगे बढ़ेंगे तो राम के सामने ही भगवान लक्ष्मण ने भी प्राण त्यागे, फिर भी रामराज्य चलता रहा।