सड़क हादसे में दो या ज्यादा की मौत होने पर क्रैश इन्वेस्टिगेशन ज़रूरी, कलेक्टर-एसपी मौके पर जाकर करेंगे जांच

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को दिए निर्देश, ऐसे सभी हादसों की रिपोर्ट पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (PTRI) को भेजनी होगी

Updated: Dec 02, 2020, 05:03 PM IST

Photo Courtesy: Dainik Bhaskar
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भोपाल। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश शासन को निर्देश दिए हैं कि अगर सड़क हादसे में दो या ज्यादा लोगों की जान जाती है  संबंधित कलेक्टर-एसपी को घटना स्थल पर जाकर क्रैश इन्वेस्टिगेशन करना होगा। कलेक्टर-एसपी या उनकी टीम को ये देखना होगा कि सड़क निर्माण की कमी के कारण तो हादसा नहीं हुआ। इतना ही नहीं ऐसे हर हादसे की रिपोर्ट पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (PTRI) को भेजनी होगी।

गौरतलब है कि मोटर व्हीकल एक्ट के तरह धारा 135 यह प्रावधान करता है कि सड़क हादसों में दो या दो से अधिक लोगों की मौते होने पर हादसे में क्रैश इन्वेस्टिगेशन होगा। मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 135 का उल्लेख करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश दिए हैं। इन्वेस्टिगेशन के दौरान सड़क निर्माण एजेंसी या अन्य किसी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी की लापरवाही की भी जांच की जाएगी। अगर किसी अधिकारी की लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सड़क हादसों में कमी लाने और उनमें होने वाली मौतों को 50%तक कम करने के निर्देश वर्ष 2015 में सभी राज्यों को दिए हैं। तभी से मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 135 का उल्लेख करते हुए हादसों का क्रैश इन्वेस्टिगेशन कराने का निर्देश भी दिया जा रहा है।

कलेक्टर-एसपी को क्रैश इन्वेस्टिगेशन करना होगा      

कलेक्टर-एसपी या उनकी टीम को मौके पर जाकर सड़क हादसे के कारण का अध्ययन और विश्लेषण करना होगा। हाइवे पर यात्रियों की सुख-सुविधा के लिए बाथरूम, रेस्टरूम और ट्रॉमा सेंटर था या नहीं। इसकी भी जांच करनी होगी कि हाइवे पर यातायात चौकियां हैं या नहीं, हाइवे पर ट्रक पार्क करने की सुविधा है या नहीं। हादसा उक्त सड़क के निर्माण की किसी खामी के कारण तो नहीं हुआ?