MP में जल जीवन मिशन में भारी भ्रष्टाचार, गांवों में नल कनेक्शन तो हुए, लेकिन पानी की सप्लाई नहीं
केंद्र सरकार की एक सर्वे रिपोर्ट में पता चला है कि मप्र के 1,271 सर्टिफाइड गांवों में हुए जांच में केवल 209 गांवों में सभी जरूरी मानक पूरे पाए गए।
भोपाल। 15 अगस्त 2019 को पीएम मोदी ने लाल किले से "जल जीवन मिशन" की घोषणा की थी। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा था कि हर घर को जल कैसे मिले, पीने को शुद्ध पानी कैसे मिले, इसके लिए हम आने वाले वर्षों में जल जीवन मिशन में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा खर्च करने का संकल्प लेते हैं। हालांकि, केंद्र की यह महत्वाकांक्षी योजना मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार व अन्य कारणों से व्यर्थ हो गई।
दरअसल, मार्च 2024 तक इस योजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। केंद्र ने जुलाई 2024 में इसकी जमीनी स्तर पर जांच कराई। इसके लिए एक निजी एजेंसी को मप्र के 1,271 सर्टिफाइड गांवों में हुए कार्यों की जांच का जिम्मा सौंपा गया। जांच में केवल 209 गांवों में ही सभी जरूरी मानक पूरे पाए गए। वहीं, 217 गांवों में नल कनेक्शन तो हुए, लेकिन पानी की सप्लाई नहीं हो रही है।
हैरानी की बात यह है कि 9 जिलों के 13 गांव ऐसे हैं जहां नल कनेक्शन तक नहीं मिल पाए हैं, जबकि यहां कार्य पूरा होना बताया है। सबसे खराब स्थिति अलीराजपुर और सिंगरौली जिलों के गांवों की है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 778 गांवों के पानी की जांच में 390 सैंपल अमानक पाए गए, जिनमें बैक्टीरियल कंटामिनेशन मिला है। खास बात यह है कि यह सर्वे जुलाई में, यानी बारिश के दौरान किया गया था, जब भूजल स्तर बेहतर होता है। 19 नवंबर को केंद्र ने यह रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भेजी है।
केंद्र की रिपोर्ट मिलने के बाद अब लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) ने भी प्रमुख अभियंता से जवाब तलब कर लिया है। अवर सचिव शैलेष कुमार जैन ने पत्र लिखकर सवाल किया है कि इस मामले में क्या कोई कार्रवाई की गई है, यदि हां तो क्या?
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जल जीवन मिशन में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष काफी समय से हमलावर है। मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है की यह 20 हजार करोड़ रुपए का घोटाला है। इसकी जांच होनी चाहिए और सरकार को जांच के आदेश देने चाहिए। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव का कहना है कि मध्य प्रदेश में घोटालेबाज अफसरों, भ्रष्टाचारी नेताओं और ठेकेदारों की सांठगांठ से जल जीवन मिशन में 20 हजार करोड़ का घोटाला हुआ है।