अशोकनगर: ऑक्सीजन नहीं मिलने से तीन मरीजों की मौत

ज़िला अस्पताल पर लापरवाही का आरोप, ऑक्सीजन होने के बावजूद मरीजों को नहीं पहुंचाई गई सहायता

Publish: Apr 29, 2021, 03:04 AM IST

Photo Courtesy: Patrika
Photo Courtesy: Patrika

अशोकनगर। अशोकनगर ज़िला अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं मिलने से तीन मरीजों की मौत हो गई। हैरानी की बात यह है कि अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मौजूद थी। लेकिन ऑक्सीजन की मौजूदगी के बावजूद ऑक्सीजन पहुंचाने में इतनी लेट लतीफी की गई कि मरीजों ने दम तोड़ दिया। 

मरीजों के परिजन इस पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन और खासकर अस्पताल के सिविल सर्जन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। परिजनों का कहना है कि इलाज कर रहे डॉक्टर द्वारा लिखी ऑक्सीजन मुहैया कराने की इमरजेंसी पर्ची दिखाने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें ऑक्सीजन देने में देरी की, जिस वजह से समय पर ऑक्सीजन न मिलने के कारण मरीजों की जान चली गई। 

बुधवार को जिला अस्पताल में एक नहीं बल्कि ऐसे तीन घटनाक्रम हुए जब मरीजों के परिजन अस्पताल में ऑक्सीजन होने के बावजूद अस्पताल में ही दर दर की ठोकरें खाते रहे। लेकिन अस्पताल के सिविल सर्जन ने उन्हें घंटों तक ऑक्सीजन मुहैया नहीं कराई। रिपोर्ट्स के मुताबिक अंटेंडर एक से दो घंटे तक अस्पताल में ऑक्सीजन के लिए विनती करते रहे लेकिन अस्पताल ने है उन्हें ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में देर कर दी, जिस वजह से भर्ती मरीजों की मौत हो गई। 

परिजनों का आरोप है कि जब काफी इंतज़ार करने के बाद उन्हें अस्पताल द्वारा ऑक्सीजन मुहैया कराई जा रही थी, उस समय अस्पताल में पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन के सिलेंडर मौजूद थे। लेकिन अस्पताल प्रबंधन लगातार ऑक्सीजन नहीं होने की बात करता रहा। अस्पताल प्रबंधन की इस लापरवाही ने तीन ज़िंदगियों को लील लिया। 

हालांकि ज़िला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ जसराम त्रिवेदिया ने परिजनों के इन आरोपों को खारिज किया है। सिविल सर्जन का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी की वास्तविक स्थिति देखने के बाद ही ऑक्सीजन सिलेंडर दिए जाते हैं। अस्पताल की प्राथमिकता यही रहती है कि जिस मरीज़ को ऑक्सीजन की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है, उसे पहले मिल जाए। सिविल सर्जन का कहना है कि इस प्रक्रिया में देर नहीं लगती।