सागर के नौरादेही अभ्यारण्य में गूंजी किलकारी, बाघिन राधा N1 ने दो शावकों को दिया जन्म

अभ्यारण प्रबंधन ने शावकों के जन्म की पुष्टि की, अब यहां शावकों की संख्या हुई 7, अभ्यारण की सुरक्षा बढ़ाई गई, कैमरे में कैद हुई शावकों की हलचल

Updated: Jul 22, 2022, 02:09 AM IST

Photo courtesy: twitter
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सागर। टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश में एक बार फिर बाघों का कुनबा बढ़ा है। इस बार खुशखबरी नौरादेही वन्यप्राणी अभ्यारण्य से आई हैं। यहां बाघिन राधा N-1 ने दूसरी बार दो शावकों को जन्म दिया है। इन बाघ शावकों की तस्वीरें अभ्यारण्य की टीम ने शनिवार को अपने कैमरे में कैद कीं। इन दो नए बाघों के जन्म के बाद अब यहां कुल बाघों की संख्या 7 हो गई है। इससे पहले भी राधा N-1 तीन शावकों को जन्म दे चुकी हैं। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को बाघिन राधा N-1 अपने 2 नन्हें शावकों के साथ आराम करते आई थी। इसकी पुष्टि नौरादेही अभ्यारण्य प्रबंधन ने की है। अभ्यारण प्रबंधन की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार बाघिन और उसके दोनों शावक स्वस्थ हैं।

अभ्यारण प्रबंधन ने बाघिन के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है। जिससे उसे कोई परेशानी नहीं हो। वहीं बाघिन के नजदीक किसी को नहीं जाने दिया जा रहा है। अक्सर बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर मां ज्यादा हमलावार हो जाती हैं। इसलिए बाघिन का ख्याल दूर से ही रखा जा रहा है। राधा घनी झाड़ियों के बीच अपने शावकों को लेकर आराम कर रही है। प्रबंधन का कहना है कि घनी झाड़ी होने की वजह से केवल दो ही शावक नजर आए हैं। माना जा रहा है कि अन्य शावकों का भी पता चल सकता है। बाघिन के आसपास कैमरों से नजर रखी जा रह है। अन्य शावकों की खोज में नौरादेही अभ्यारण्य प्रबंधन लगा है। वन विभाग ने बाघिन की सुरक्षा के लिए टीम का गठन किया है। टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश में बाघों की संख्या करीब 526 है।

मध्यप्रदेश का नौरादेही वन्य अभ्यारण्य तीन जिलों सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिलों में आता है। यह अभ्यारण करीब 1197.04 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में स्थित है। यह अभ्यारण्य एक पठार पर है। यह अभ्यारण्य जबलपुर-सागर हाइवे के नजदीक है। इसे आठ रेंजों में बांटा गया हैं। नौरादेही को पन्ना टाइगर रिजर्व का गलियारा माना जाता है। यह सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा है। यह बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और दमोह के रानी दुर्गावती वन्य-जीव अभ्यारण्य से जुड़ा हैं। यहां विभिन्न तरह के पक्षियों का निवास है। इसे पक्षियों के लिए आदर्श स्थल माना जाता है। अब यहां बाघिन राधा ने दो शावकों को जन्म दिया है।