विश्व आदिवासी दिवस के दिन MP में आदिवासी युवक की हत्या, वन विभाग पर गोली चलाने का आरोप

मध्य प्रदेश के विदिशा में जलावन के लिए जंगल से लकड़ी चुनने गए थे आदिवासी युवकों पर वन विभाग के लोगों ने चलायी गोली, एक की जान गई तीन घायल, राज्य सरकार ने किया मुआवज़े का ऐलान

Updated: Nov 16, 2022, 02:28 AM IST

विदिशा। आदिवाासी समुदाय की मूलभूत अधिकारों की सामाजिक, आर्थिक और न्यायिक सुरक्षा के लिए हर साल 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। मध्य प्रदेश सरकार ने भी इस मौके पर कई आयोजन किए थे। लेकिन ठीक उसी दिन जब आदिवासी समुदाय के लिए उत्सव मनाया जा रहा था, सरकारी महकमे (वन विभाग) ने उनपर गोली चला दी। विदिशा के लटेरी इलाके में लकड़ी बीनने गए आदिवासियों में से एक की इस गोलीबारी में जान गई  और तीन घायल हो गए हैं।

प्रदेश के आदिवासी समाज में इस घटना की तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। स्थानीय एक्टिविस्ट व वकील सुनील आदिवासी ने बताया कि, 'भील परिवार के 10 सदस्यों पर लटेरी वन विभाग द्वारा बेहद शर्मनाक हमला किया गया जिसमे चैन सिंह पुत्र सरदार भील की मौके पर मौत एवं 4 अन्य गंभीर को जिला विदिशा हॉस्पिटल उपचार के लिए भेजा गया है। विश्व आदिवासी दिवस पर यह शिवराज सरकार द्वारा आदिवासियों को दिया गया तोहफा है। मोदी सरकार में लगातार आदिवासियों पर अन्याय हो रहा है, जोकि महामहिम द्रौपदी मुर्मू जी के राष्ट्रपति बनाने का नतीजा है।'

कांग्रेस के आदिवासी नेता और पूर्व वन मंत्री ओंकार मरकाम ने घटना को सरकार के आदिवासी विरोधी रुख का परिणाम बताया है। उन्होंने सभी आदिवासी समाज से घटनास्थल पर पहुंचने का आह्वान किया है। ओकार मरकाम ने इसे शिवराज सरकार का आदिवासी विरोधी असली चेहरा बताया है और मांग की है कि आदिवासियों के साथ पूरे प्रदेश में हो रहे अन्याय के विरुद्ध समुदाय एकजुट हो। 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना की न्यायिक जांच के निर्देश दे दिए हैं। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि, 'लटेरी की घटना बेहद दुखद है। संबंधित वन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। मृतक के परिजनों को 20 लाख रुपए मुआवजा, जबकि घायलों को 5 लाख रुपए और इलाज का समुचित खर्च सरकार वहन करेगी। पुलिस ने वन अमले के खिलाफ भादवि की धारा 302, 307 और 34 के तहत प्रकरण कायम किया है।'

असल में मंगलवार शाम करीब 6 बजे विदिशा के लटेरी में कुछ आदिवासी युवक लकड़ी चुनने जंगल की ओर गए थे। घने जंगल से लकड़ियां चुनकर जब वे लौट रहे थे तब वन विभाग की टीम वहां पहुंच गई। वन विभाग की टीम को देखकर वे डर गए और भागने लगे। इस दौरान उनके ऊपर फायरिंग की गई। इस घटना में एक आदिवासी युवक की मौत हो गई जबकि 3 अन्य घायल हैं।

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जलावन के लिए लकड़ी इकट्ठा करने गए ये युवक वन विभाग और कानून की नजर में लकड़ी चोर थे। उन्हें थोड़ी सी लकड़ियां जिसे वे मोटरसाइकिल पर लादकर ले जा रहे थे, उसके लिए जान की कीमत अदा करनी पड़ी। डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर राजवीर सिंह का कहना है कि लकड़ी चोरों ने वन विभाग की टीम पर पत्थरबाजी शुरू कर दी थी। आत्मरक्षा में गोली चलाई गई जिससे एक युवक की मौत हो गई।

बहरहाल ठीक आदिवासी दिवस के दिन हुई इस घटना ने सरकार और समाज को आमने सामने लाकर खड़ा कर दिया है। सरकारी महकमे द्वारा गोली चलाने की इस घटना की पूरे देश में प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। बीजेपी नेता वरुण गांधी ने भी ट्वीट कर अपनी पार्टी को कटघरे में खड़ा किया है।