उमरिया में मरीज़ को न तो इलाज के लिए डॉक्टर मिला और न ही एम्बुलेंस, बाइक पर बांध कर शव को घर ले गए परिजन

उमरिया के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मरीज़ के इलाज के लिए डॉक्टर तक नहीं मिला, इलाज के अभाव में मौत भी हो गई, लेकिन मौत के बाद भी शव को ले जाने के लिए परिजनों को एक एम्बुलेंस तक नसीब नहीं हुई

Updated: May 12, 2021, 04:27 AM IST

Photo Courtesy: Twitter
Photo Courtesy: Twitter

उमरिया। उमरिया ज़िले में एक मरीज़ को न तो इलाज के लिए डॉक्टर मिले और न ही उसकी मृत्यु के बाद उसके शव को ले जाने के लिए परिजनों को एम्बुलेंस नसीब हुई। जिसका नतीजा यह हुआ कि मृतक के परिजन उसके शव को बाइक पर ही लादकर उसके गांव ले गए। परिजन 35 किलोमीटर दूर तक बाइक पर शव को रस्सी से बांध कर ले गए। यह हृदय विदारक दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

35 वर्षीय सहजन कोल को अचानक पेट में दर्द की शिकायत के बाद उमरिया ज़िले के मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया था। लेकिन सामुदायिक केंद्र में मरीज़ के इलाज के लिए डॉक्टर तक नहीं मिला। जिसके फलस्वरूप मरीज़ ने अस्पताल में ही तड़पते तड़पते दम तोड़ दिया। मौत के बाद मृतक के शव को ले जाने के लिए एम्बुलेंस तक की व्यवस्था नहीं थी। लिहाज़ा मजबूरी में परिजन शव को बाइक पर ही लादकर ले गए। परिजनों ने शव को बाइक के बीच में रख रस्सी से बांधा और अपने साथ गांव ले गए।

मृतक सहजन कोल उमरिया ज़िले के पितौर गांव के रहने वाले थे। मानपुर के जिस समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज के लिए ले जाया गया था। वह उनके गांव से करीब 35 किलोमीटर दूरी पर स्थित था। जब एंबुलेंस नहीं मिला तो उनका इलाज करवाने आए मृतक के दो साले ही शव को गांव ले गए। हालांकि इस पूरे मामले में यह दावा भी किया जा रहा है कि मरीज़ के इलाज के लिए डॉक्टर आ गया था कि लेकिन मरीज़ की जान नहीं बच सकी। 

इलाज के अभाव में आए दिन मरीजों की मौत की खबरें आ रही हैं। इतना ही नहीं कुव्यवस्था का आलम यह है कि मरीज़ की मौत के बाद परिजनों को एम्बुलेंस तक मुहैया नहीं हो पाती।