7 सालों में शिवराज सरकार ने बेरोजगारों से वसूले 424 करोड़, खुद सीएम शिवराज ने दी विधानसभा में जानकारी
कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने पूछा था सवाल, लिखित जवाब में सीएम ने दिया हिसाब

भोपाल। मध्य प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी के बीच पिछले सात वर्षों में राज्य सरकार ने बेरोजगारों से चार करोड़ से अधिक रुपए की वसूली कर ली। परीक्षा शुल्क के नाम पर शिवराज सरकार को 424 करोड़ 36 लाख रुपए की कमाई हुई। यह जानकारी ख़ुद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में दी है।
बुधवार को विधानसभा में कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के सवालों के लिखित जवाब में सीएम शिवराज ने बताया कि 2015 से लेकर 2022 तक विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में एक करोड़ से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। जिसके तहत लिए गए परीक्षा शुल्क के माध्यम से राज्य सरकार के पास 424 करोड़ से अधिक की राशि आई।
इस सात सालों में राज्य में कुल 106 परीक्षाएं आयोजित की गई थीं। जिनमें कुल एक करोड़ 24 लाख 346 अभ्यर्थियों ने आवदेन किया था। इनमें 97 लाख 59 हजार 121 अभ्यर्थी शामिल हुए। जबकि 26 लाख अन्य अभ्यर्थी आवेदन करने के बावजूद परीक्षा में शामिल नहीं हुए।
भाजपा सरकार ने स्वीकार किया कि बेरोज़गारों से उन्होंने 424 करोड़ वसूले। जबकि १९९३-२००३ कॉंग्रेस पार्टी शासनकाल में बेरोज़गारों से कोई फ़ीस नहीं ली जाती थी।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 16, 2023
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विधानसभा में सीएम शिवराज द्वारा यह जवाब दिए जाने के बाद राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि शिवराज सरकार ने यह स्वीकार किया कि उन्होंने प्रदेश के बेरोजगारों से 424 करोड़ की वसूली की। जबकि 1993 से 2003 के बीच कांग्रेस पार्टी के शासनकाल के दौरान बेरोजगारों से कोई फीस नहीं ली जाती थी।