Vivek Tankha: मतदान से एक दिन पहले अगर सारा मीडिया मंदिर में बैठे मोदी को दिखाता रहे तो क्या ये सही है
Question To ECI: चुनाव आयोग ने मतदान के दिन और उससे एक दिन पहले बिना इजाज़त प्रिंट मीडिया में सियासी विज्ञापन पर रोक लगाई, विवेक तन्खा ने इस कदम का स्वागत करते हुए चुनाव आयोग से पूछा बेहद अहम सवाल

चुनाव आयोग ने मतदान के दिन और उससे एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में किसी भी तरह के राजनीतिक विज्ञापनों को पहले से इजाजत लिए बिना छापने पर रोक लगा दी है। कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने आयोग के इस आदेश का स्वागत किया है। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने एक अहम सवाल भी पूछा है।
उन्होंने ट्विटर पर लिखी अपनी टिप्पणी में सवाल उठाया है कि अगर मतदान से एक दिन पहले मोदी जी भगवा कपड़े पहनकर किसी मंदिर में बैठ जाएं और इसका प्रसारण पूरी मीडिया में होता रहे तो क्या ये सही होगा? क्या इसे लेवल प्लेइंग फील्ड यानी मुकाबले में सबको बराबरी का अवसर देना माना जाएगा?
@ECISVEEP has taken the right step by directing pre certification of political advertisements one day prior & on poll day. But one Q :: if Modi ji dressed in saffron one day before polls sits in a temple :: & it’s all over channels :: is it fair & a level playing field :: pic.twitter.com/c4PCEorzQR
— Vivek Tankha (@VTankha) October 19, 2020
दरअसल, चुनाव आयोग ने उपचुनाव वाले छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, नागालैंड, ओडिशा, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारियों को एक पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि चुनाव आयोग के संज्ञान मे आया है कि प्रिंट मीडिया में कुछ ऐसे विज्ञापन दिए जा रहे हैं, जो भ्रामक और भड़काऊ प्रवृत्ति के हैं। इस तरह के विज्ञापन पूरी चुनावी प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करते हैं।
पत्र में आगे कहा गया कि इस तरह के विज्ञापनों से चुनावी प्रक्रिया ना प्रभावित हो इसलिए चुनाव आयोग अनुच्छेद 324 के तहत मिली शक्ति का प्रयोग कर रहा है। इस आधार पर आदेश दिया जाता है कि कोई भी व्यक्ति और राजनीतिक संगठन मतदान वाले और उसके एक दिन पहले बिना अनुमति के प्रिंट मीडिया में किसी भी तरह का विज्ञापन प्रकाशित और प्रसारित नहीं कराएगा। आयोग ने कहा कि इन विज्ञापनों से जिन दलों और व्यक्तियों पर प्रभाव पड़ेगा उनके पास अपना स्पष्टीकरण देने का मौका ही नहीं होगा।
आयोग ने कहा कि विज्ञापन प्रकाशित और प्रसारित करने से पहले राज्य या जिला स्तर की एमसीएमसी समिति की मंजूरी लेनी होगी। चुनाव आयोग ने एमसीएमसी समितियों को भी इस संबंध में जानकारी दे दी है और उनसे अलर्ट रहने को कहा है।
दरअसल, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मतदान के ठीक पहले मंदिरों और दूसरे धार्मिक स्थलों का दौरा करते रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में के अंतिम चरण में अपने संसदी क्षेत्र वाराणसी में चुनावी रैली निकालने के बाद मोदी केदारनाथ गए थे और इसे मीडिया ने एक चुनावी कार्यक्रम के तौर पर पेश किया था। इसी तरह 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी नरेंद्र मोदी ने मंदिरों का दौरा किया था। विवेक तन्खा ने इसी संदर्भ में सवाल पूछा है।