विवेक तन्खा ने CM, प्रदेश अध्यक्ष समेत 3 BJP नेताओं को भेजा लीगल नोटिस, 10 करोड़ की मानहानि का दावा

तन्खा में भाजपा नेताओं को माफी मांगने के लिए दिया तीन दिनों का समय, माफी नहीं मांगने पर होगी कानूनी कार्रवाई, 10 करोड़ रुपए का है मानहानि नोटिस

Updated: Dec 20, 2021, 04:25 AM IST

भोपाल। वरिष्ठ अधिवक्ता व राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने OBC आरक्षण मामले में आरोप लगाए जाने पर एक्शन लिया है। तन्खा ने सीएम शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह को लीगल नोटिस भेजा है। 10 करोड़ के इस मानहानि नोटिस में भाजपा नेताओं को माफी मांगने के लिए तीन दिनों का समय दिया गया है।

तन्खा ने रविवार देर शाम इस संबंध में जानकारी देते हुए ट्वीट किया कि, 'मैने अधिवक्ता शशांक शेखरजी के द्वारा 10 करोड़ का मानहानि, अन्य सिविल, क्रिमनल कार्यवाही का नोटिस शिवराज सिंह, विष्णुदत्त शर्मा, भूपेंद्र सिंह को भेजा है। यदि 3 दिवस में ये स्थिति स्पष्ट नही करते तो उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट कार्यवाही के सम्बंध में झूठ बोलना, असत्य के आधार पर झूठी मुहिम जघन्य अपराध है। मेरी चुनौती है कि वे मुझे झूठा सिद्ध करे, खुद को सच्चा। देश बीजेपी की ट्रोलआर्मी के झूठ से तंग आ चुका है। झूठे दुष्प्रचार के असहनीय होने के कारण यह कदम उठाया है।'

दरअसल, मध्य प्रदेश में चल रहे पंचायत चुनाव में आरक्षण संबंधी रोटेशन के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। इसी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका की विवेक तन्खा पैरवी कर रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र को आधार बनाकर एमपी में भी ओबीसी आरक्षण को स्टे लगा दिया। जबकि तन्खा ने ओबीसी आरक्षण के संबंध में कोई सवाल भी नहीं उठाया था। तन्खा ने इसके लिए राज्य सरकार के अधिवक्ता को दोषी ठहराया है।

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ओबीसी आरक्षण पर रोक लगने के बाद भाजपा नेताओं द्वारा सांसद विवेक तन्खा और कांग्रेस के खिलाफ मुहिम चलाई जा रही है, जिसमें इन्हें ओबीसी विरोधी कहा जा रहा है। ऐसा तब है जब विवेक तन्खा ने खुद स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया है कि वे रोटेशन पद्धति के संबंध में कोर्ट गए थे न कि ओबीसी आरक्षण को लेकर। बावजूद बीजेपी नेताओं द्वारा सार्वजनिक रूप से तन्खा और कांग्रेस को इसके लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है। बहरहाल तन्खा के इस लीगल नोटिस के बाद माना जा रहा है कि तथ्यों को गलत ढंग से पेश करना भाजपा नेताओं को भारी पड़ सकता है।