जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने पर सहमति, संसद के शीतकालीन सत्र में लाया जाएगा प्रस्ताव

केंद्र में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने पर सहमति बन गई है। वहीं, लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बना रहेगा।

Updated: Oct 27, 2024, 03:25 PM IST

नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद केंद्र सरकार ने अब जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा (स्टेटहुड) देने पर सहमति जताई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक नवंबर के आखिरी सप्ताह में शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में इससे जुड़ा प्रस्ताव लाया जाएगा। हालांकि, लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बना रहेगा।

जम्मू कश्मीर के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 23 अक्टूबर को गृह मंत्री अमित शाह और 24 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। इस दौरान उमर ने दोनों नेताओं से जम्मू कश्मीर के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का आग्रह किया था। अब्दुल्ला को इसी साल राज्य का दर्जा बहाल करने का आश्वासन मिला था।

इसके बाद अब खबरें सामने आई है कि शीतकालीन सत्र में इससे जुड़ा प्रस्ताव लाया जाएगा। बता दें कि साल 2019 में अनुच्छेद 370 और 35A हटाते समय जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए थे। सरकार ने उस समय ही राज्य के हालात सामान्य होने पर पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का भरोसा दिया था। हालिया राज्य विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने इसे दोहराया था।

चुनाव के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व में गठित सरकार की पहली कैबिनेट मीटिंग में राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पास करके उप-राज्यपाल (LG) को भेजा गया था। LG मनोज सिन्हा ने 19 अक्टूबर को प्रस्ताव मंजूर करने के बाद गृह मंत्रालय को भेज दिया था।

जम्मू कश्मीर को पुनः राज्य का दर्जा देने के लिए लोकसभा और राज्यसभा में नए कानूनी बदलावों का अनुमोदन जरूरी होगा, यानी संसद से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलना जरूरी है। मंजूरी के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उनकी मंजूरी के बाद जिस दिन राष्ट्रपति इस कानूनी बदलाव की अधिसूचना जारी करेंगे, उसी तारीख से जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाएगा।