हम अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन इससे असहमत हैं, जीतू पटवारी के समर्थन में उतरे कमलनाथ
मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता जनता की लड़ाई लड़ने से कभी पीछे नहीं हटेंगे, चाहे उनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई की जाए। समाज को हक दिलाने के लिए आंदोलन करना नेता का पहला कर्तव्य है: कमलनाथ

भोपाल। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को एमपी-एमएलए कोर्ट ने शासकीय कार्य में बाधा डालने का दोषी करार देते हुए एक साला की सजा सुनाई है। न्यायालय के इस फैसले के बाद मध्य प्रदेश की सियासत गरमा गई है। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने जीतू पटवारी का समर्थन करते हुए कहा है कि हम न्यायालय के फैसले से असहमत हैं।
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'भोपाल की एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को किसान और बिजली बिल के खिलाफ आंदोलन के एक पुराने मुकदमे में सजा सुनाई है। हम अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन इससे असहमत हैं। हम ऊंची अदालत में इस फैसले को चुनौती देंगे। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता जनता की लड़ाई लड़ने से कभी पीछे नहीं हटेंगे, चाहे उनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई की जाए।'
भोपाल की एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक श्री जीतू पटवारी को किसान और बिजली बिल के खिलाफ आंदोलन के एक पुराने मुकदमे में सजा सुनाई है। हम अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन इससे असहमत हैं। हम ऊंची अदालत में इस फैसले को चुनौती देंगे।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 1, 2023
मैं स्पष्ट करना चाहता…
कमलनाथ ने आगे लिखा, 'समाज को हक दिलाने के लिए आंदोलन करना नेता का पहला कर्तव्य है, यह संविधान की मूल भावना के अनुरूप है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से कांग्रेस के हर कार्यकर्ताओं ने यही सीखा है। पूरी कांग्रेस पार्टी जीतू पटवारी के साथ है। हम सब मिलकर लोकतांत्रिक संवैधानिक और अदालती तरीके से अन्यायी सरकार का मुकाबला करेंगे।'
दरअसल, कांग्रेस ने 2009 में मध्य प्रदेश के राजगढ़ में किसानों को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था। इसका नेतृत्व पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह कर रहे थे। कांग्रेस नेता कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन देने जा रहे थे। इसी दौरान पत्थरबाजी शुरू हो गई थी। घटना के बाद बवाल भी हुआ था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को भी चोट आई थी। पुलिस ने युवा कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष जीतू पटवारी समेत 17 लोगों के खिलाफ राजगढ़ में कलेक्टर कार्यालय घेराव करने और शासकीय कार्य में बाधा डालने की एफआईआर दर्ज की थी।
इस मामले में कांग्रेस के कई नेताओं को सजा हुई है। कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी के अलावा उज्जैन कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र मरमट, जिला पंचायत अध्यक्ष राजगढ़ चंदर सोंधिया और पूर्व विधायक राजगढ़ कृष्णमोहन मालवीय को सजा हुई है। फैसला सुनाए जाने के वक्त जीतू पटवारी भी कोर्ट में मौजूद रहे। हालांकि, न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका को मंजूर करते हुए अगले 30 दिनों में सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने की छूट भी दी है।