सरकार आते ही आपकी मांगें पूरी करेंगे, दिग्विजय सिंह ने मंडी व्यापारियों से हड़ताल खत्म करने का किया आह्वान

मध्य प्रदेश की सभी 230 अनाज मंडियों के व्यापारी हड़ताल पर हैं, प्रदेश के करीब 25 हजार व्यापारियों ने कारोबार बंद कर दिया है। इससे किसान और मजदूर परेशान हो रहे हैं। पूर्व सीएम ने व्यापारियों से हड़ताल वापस लेने की मांग की है।

Updated: Sep 10, 2023, 04:19 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की सभी 230 कृषि उपज मडियां बंद हैं। प्रदेश के करीब 25 हजार व्यापारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। व्यापारियों ने पिछले एक हफ्ते से कारोबार बंद कर रखा है। व्यापारियों के हड़ताल के कारण प्रदेश भर के किसान और मजदूर परेशान हो रहे हैं। कांग्रेस नेता व पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने व्यापारियों से हड़ताल वापस लेने का आह्वान किया है। सिंह ने व्यापारियों को आश्वासन दिया है कि कांग्रेस सरकार आते ही उनकी मांगें पूरी की जाएगी।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, 'व्यापारी बंधुओं... 11 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 8 दिनों से मध्य प्रदेश की समस्त मंडियां बंद हैं, हम जानते हैं आपकी मांग जायज है, परंतु आपके निर्णय से हमारे किसान भाई और श्रमिक बहुत परेशान हैं। हम आपसे अपील करते हैं सभी के व्यापक हित में मंडी खोलें। आप सभी जानते हैं समस्त मंडी की संरचना कांग्रेस के शासन में हुई है। हम वचनबद्ध हैं हम जैसे ही सत्ता में आते हैं आपके सुझाव पर आप ही के साथ बैठकर आपकी मांगों को पूरा किया जाएगा।'

बता दें कि अनाज मंडियों के व्यापारियों ने मंडी फीस डेढ़ की बजाय 1 फीसदी करने, निराश्रित शुल्क खत्म करने समेत कुल 11 मांगों को लेकर अनिश्चितकाल के लिए अनाज की खरीदी बंद की है। प्रदेश के किसी भी मंडी में नीलामी नहीं हो रही है। व्यापारियों ने पहले ही खरीदी नहीं करने का अनाउंसमेंट करा दिया था। इसलिए किसान भी अनाज लेकर नहीं पहुंच रहे हैं। इस कारण प्रदेश के सभी कृषि उपज मंडियों में विरानी छाई हुई है।

ये है व्यापारियों की मांग


* मंडी समितियों में पूर्व से आवंटित भूमि या संरचनाओं पर भूमि एवं संवरचना आवंटन नियम-2009 लागू नहीं किया जाए। 
* कलेक्टर गाइडलाइन से लीज दरों का निर्धारण नहीं रखकर नामिनल दरें रखी जाए।
* मंडी फीस दर एक प्रतिशत की जाए।
* निराश्रित शुल्क समाप्त किया जाए।
* मंडी अधिनियम की धारा 19(2), धारा 19(8), धारा 46(ड) एवं धारा 46(च) में संशोधन-2 विलोपन किया जाए।
* लाइसेंस प्रतिभूति की अनिवार्यता हटाई जाए।
वाणिज्य संव्यवहार की पृथक अनुज्ञप्ति व्यवस्था एवं निर्धारण फीस रुपए 25 हजार रुपए की वृद्धि समाप्त कर पूर्व फीस 5 हजार रुपए बहाल की जाए।
* मंडी समितियों को धारा 17(2)(14) और 30 में प्रदत्त अधिकारी एवं शक्तियों को यथावत रखा जाए।
* लेखा सत्यापन/पुन: लेखा सत्यापन की कार्रवाई खत्म की जाए।
* कृषक समिति प्रतिभूति बढ़ाने के दवाब पर रोक लगाई जाए।
* धारा 23 के अंतर्गत गाड़ियों को रोकने की शक्ति प्रावधान की परिधि के बाहर जाकर मंडी बोर्ड कार्यालय स्तर से गठित किए जाने वाले जांच दलों पर रोक लगाई जाए।