आप विधायक सोमनाथ भारती को दो साल की सजा, एम्स में मारपीट का मामला

अदालत ने सोमनाथ भारती को सज़ा के खिलाफ अपील के लिए दी ज़मानत, एम्स के सुरक्षा कर्मचारियों से मारपीट का लगा है आरोप

Updated: Jan 23, 2021, 01:40 PM IST

Photo Courtesy : IndiaToday
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नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने आज आप विधायक व पूर्व मंत्री सोमनाथ भारती को दो साल की सजा सुनाई है। साथ ही आप नेता को 1 लाख रुपए जुर्माना भरने को भी कहा है। भारती पर साल 2016 में दिल्ली स्थित एम्स की सुरक्षा में लगे कर्मचारियों के साथ मारपीट करने का आरोप है। हालांकि इसके साथ ही कोर्ट ने सोमनाथ भारती को सज़ा के खिलाफ अपील करने के लिए जमानत भी दे दी है।

शनिवार को राउज एवेन्यू स्थित अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रवीन्द्र कुमार पांडे की अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान सोमनाथ भारती को दोषी ठहराते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष ने विधायक के खिलाफ आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य पेश किए हैं। कोर्ट ने भारती को आईपीसी की धारा 323, 353, 143 के तहत मारपीट, सरकारी काम में लगे व्यक्ति के साथ बदसलूकी, घातक हथियार के साथ हिंसा में शामिल होने और सरकारी संपति को नुकसान पहुंचाने जैसे आरोपों के तहत दोषी ठहराया है।

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कोर्ट ने कहा है कि एम्स के सुरक्षा गार्ड अपनी ड्यूटी पर तैनात थे और चूंकि वह सरकारी संपत्ति की सुरक्षा में तैनात थे, इसलिए उनके कार्य को सरकारी सेवा के अंतर्गत माना जाना न्यायसंगत है। भारती समेत अन्य भीड़ ने सुरक्षाकर्मी को पीटकर जख्मी किया। इस तरह उन्होंने सरकारी कर्मचारी को चोट पहुंचाई। वहीं, एम्स की दीवार को तोड़ने का प्रयास करना सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना है।

हालांकि इस मामले के चार अन्य आरोपियों जगत सैनी, दिलीप झा, राकेश पांडे एवं संदीप को अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष इन आरोपियों का अपराध साबित करने में असफल रहा है ऐसे में वे संदेह का लाभ पाने के हकदार हैं और उन्हें दोषमुक्त करार दिया जाता है।

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क्या है पूरा मामला

आरोप है कि आप सोमनाथ भारती ने नेता ने 9 सितंबर 2016 लगभग 300 अन्य लोगों के साथ मिलकर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में जेसीबी से एक चारदीवारी के घेरे को गिरा दिया था। आरोप है कि जब सुरक्षाकर्मियों ने इसे रोकने की कोशिशें की, तो भारती ने उनके साथ हाथापाई की और भीड़ को उकसाया, जिसकी वजह से सुरक्षाकर्मियों को गंभीर चोटें आई। साथ ही उन्होंने एम्स की जमीन पर अतिक्रमण कर अस्पताल की शांति भंग करने का प्रयास किया। सोमनाथ भारती ने अदालत में अपने बचाव में कहा कि इस मामले में उन्हें बेवजह फंसाया गया है।