एक साल में तीसरी बार बढ़ा हवाई किराया, सरकार ने किराए में की 16 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी

हवाई सफर करने वालों को अब अपनी जेब और ढीली करनी होगी, सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने किराए में 16 फीसदी तक की वृद्धि कर दी है, इस साल फरवरी और मार्च में भी किराया बढाया गया था

Updated: Jun 02, 2021, 07:10 AM IST

Photo Courtesy: Business Traveller
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नई दिल्ली। हवाई सफर करने वालों को अब अपनी जेब और ढीली करनी होगी। केंद्र सरकार ने यात्री किराया 13 से 16 फीसदी तक बढ़ा दिया है। साल 2021 में यह तीसरी बार है जब फ्लाइट्स के किराए बढ़ाए गए हैं। इससे पहले मार्च में केंद्र सरकार ने घरेलू विमानों के किराए की लोअर लिमिट को 5 फीसदी बढ़ाने का फैसला किया था। वहीं, फरवरी में लोअर प्राइस बैंड में 10 फीसदी और हायर बैंड में 30 फीसदी का इजाफा किया गया था।

हवाई यात्रा किराए में यह वृद्धि कल यानी 1 जून 2021 से प्रभाव में आ गई है। केंद्रीय सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने नई दरों का ऐलान करते हुए बताया है कि 40 मिनट की दूरी वाले विमानों के किराए की लोअर लिमिट 2300 रुपये से बढ़ाकर 2600 रुपये यानी 13 फीसदी की वृद्धि कर दी गई है। इसी प्रकार 40 से 60 मिनट की यात्रा वाली फ्लाइट के किराये की लोअर लिमिट 2,900 रुपए की जगह अब 3,300 रुपए प्रति व्यक्ति यानी 16 फीसदी की वृद्धि कर दी गई है।

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यात्रियों के लिए राहत की बात ये है कि सरकार ने किराए की अपर लिमिट को ज्यों का त्यों रखा है। यानी कि हवाई यात्रा के अधिकतम किराए वहीं रहेंगे जो अबतक थे। बढ़ोतरी सिर्फ न्यूनतम किराए पर हुई है। कोरोना संकट के दौरान हवाई किराए में बढ़ोतरी को लेकर सरकार का तर्क है कि एविएशन सेक्टर बुरी तरह घाटे में चल रहा है चूंकि यात्रियों की संख्या बेहद कम हो गई है। सीपीए के अनुमान के मुताबिक एविएशन सेक्टर को कोरोना संकट के कारण वित्त वर्ष 2021-22 में साढ़े 6 अरब का नुकसान हो सकता है।

भारत में उड़ान की अवधि के आधार पर किराए की निचली और ऊंची सीमा तय की गई है। विमानन नियामक डीजीसीए ने पिछले साल मई में डोमेस्टिक फ्लाइट्स के लिए कुल 7 फेयर बैंड की घोषणा की थी। ये सात प्राइस बैंड उड़ान के समय पर आधारित हैं। इनमें पहला बैंड उन फ्लाइट के लिए हैं, जो 40 मिनट तक की यात्रा करती हैं। बाकी के बैंड क्रमशः 40-60 मिनट, 60-90 मिनट, 90-120 मिनट, 120-150 मिनट, 150-180 मिनट और 180-210 मिनट के हैं। विभिन्न बैंडों की न्यूनतम और अधिकतम किराया डीजीसीए द्वारा तय किया जाता है।