बिहार में एक हफ्ते में तीसरा पुल गिरा, मोतिहारी में 50 फूट का निर्माणाधीन पुल ध्वस्त

मोतिहारी में दो करोड़ रुपये की लागत से 50 फीट का पुल बनाया जा रहा था, जो धराशायी हो गया। इससे पहले इस हफ्ते अररिया और सीवान में भी पुल गिर चुके हैं।

Updated: Jun 23, 2024, 02:08 PM IST

मोतिहारी। बिहार में पुल गिरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां एक सप्ताह के भीतर तीसरा पुल ध्वस्त हो गया है। इस बार पुल ढहने की घटना मोतिहारी में हुई है। इससे पहले इस हफ्ते अररिया और सीवान में भी पुल गिर चुके हैं। यह तीसरा प्रोजेक्ट था, जो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत दो करोड़ रुपये के करीब थी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार पुल गिरने की घटना पूर्वी चंपारण के मोतिहारी के घोड़ासहन ब्लॉक में चैनपुर स्टेशन के लिए पहुंच मार्ग पर हुई है। यहां दो करोड़ रुपये की लापत से पुल का निर्माण किया जा रहा था। पुल की ढलाई का काम किया जा चुका था। इस पुल की लंबाई तकरीबन 50 फीट थी।

इससे पहले कल ही बिहार के सीवान में भी कल पुल गिरने की घटना हुई थी। यहां महाराजगंज-दरोंदा विधानसभा के बॉर्डर को जोड़ने वाला पुल ताश के पत्ते की तरह ढेर हो गया था। लोगों का कहना था कि बिना बारिश के पुल इस तरह कमजोर होकर गिर गया, यह हैरान करने वाली बात है। इस बार न आंधी आई और न ही बारिश हुई, फिर भी महाराजगंज क्षेत्र के पटेढी - गरौली को जोड़ने वाला नहर पर बना पुल धड़ाम हो गया। 

इसके चार दिन पहले अररिया के सिकटी में बकरा नदी पर बना पुल गिरकर ध्वस्त हो गया था। सिकटी प्रखंड क्षेत्र के पड़रिया घाट पर पुल का निर्माण किया गया था। सिकटी प्रखंड स्थित बकरा नदी पर 12 करोड़ की लागत से पड़रिया पुल का निर्माण किया गया था। मंगलवार को पुल के 3 पिलर नदी में धंस गए और पुल गिर गया।

सिकटी विधायक विजय मंडल के अनुसार जिले के ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा यह पुल तैयार किया गया था। जमीन पर ही पिलर गाड़कर तैयार किया गया था. एप्रोच रोड भी नहीं बना था। करीब 12 करोड़ की लागत वाली करीब 100 मीटर का यह पुल था। इसका उद्घाटन नहीं हुआ था।

बिहार में पुलों का गिरने का सिलसिला कब थमेगा इसे लेकर शासन प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं आ रहा है। राज्य में भ्रष्टाचार इस कदर हावी है कि हर साल यहां आधा दर्जन पुल धंस जा रहे हैं। इस साल मार्च में भी सुपौल में कोसी नदी पर बन रहे पुल का स्लैब गिर गया था। इसमें एक मजदूर की मौत हो गई थी। पिछले साल ही जून में सुल्तानगंज में गंगा नदी पर बन रहा पुल गिर गया था। लेकिन बिहार में डबल इंजन की सरकार कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है।