राजस्थान में सियासी संकट की अटकलें फिर हुईं शुरू, नेता प्रतिपक्ष ने कहा, न जाने कब क्या हो जाए

बीजेपी नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पायलट खेमे और गहलोत सरकार में चल रही अनबन पर एक बार फिर टिप्पणी की है, राजेंद्र राठौड़ के मुताबिक किसी भी वक्त सचिन पायलट का खेमा बगावती रुख अख्तियार कर सकता है

Publish: Jun 10, 2021, 03:27 AM IST

Photo Courtesy: India Tv
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जयपुर। राजस्थान की सियासत में पायलट खेमे में असंतोष की खबरों ने एक बार फिर गहलोत सरकार की सत्ता पर संकट के बादल मंडरा दिए हैं। राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का कहना है कि मौजूद हालात में न जाने कब क्या हो जाए। राजेंद्र राठौड़ का यह बयान कांग्रेस महासचिव और सचिन पायलट के करीबी माने जाने वाले जितेंद्र सिंह के हालिया बयान के संदर्भ में आया है जिसमें उन्होंने सचिन पायलट की समस्याओं का समाधान किए जाने की वकालत की थी। 

बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा है कि मेहनत सिर चढ़कर बोलती है, हालांकि समय लग सकता है।सचिन पायलट जी की मेहनत के परिणामस्वरूप ही आज की सरकार का वजूद है। आज कांग्रेस के आला नेता AICC महासचिव भवंर जितेन्द्र सिंह बोले हैं। कांग्रेस के दर्जनों विधायकों के मौजूदा सरकार की कार्यशैली के विरुद्ध स्वर निकले हैं, ये स्वर कब हुंकार में बदल जाए मालूम नहीं। ना जाने कब क्या हो जाए।

हालांकि इस बयान से पहले राजेंद्र राठौड़ ने एक बार और पायलट खेमे की नाराज़गी की बात जब उजागर की थी, तब खुद सचिन पायलट ने राजेंद्र राठौड़ के दावे पर करारा जवाब दिया था। राजेंद्र राठौड़ ने कहा था आखिर मन का दर्द होठों पर आ ही गया। ये चिंगारी कब बारूद बनकर फूटेगी, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचाने में तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट जी ने अहम भूमिका निभाई थी। सुलह कमेटी के पास मुद्दे अब भी अनसुलझे ही हैं। न जाने कब क्या हो जाए। 

बीजेपी नेता के इस बयान पर सचिन पायलट ने कहा था कि प्रदेश के भाजपा नेताओं को व्यर्थ बयानबाज़ी की बजाय अपनी स्थिति पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। आपसी फूट व अंतर्कलह इतनी हावी है कि राज्य मे भाजपा विपक्ष की भूमिका भी नहीं निभा पा रही। इनकी नाकाम नीतियों से देश में उपजे संकट में जनता को अकेला छोड़ने वालों को जनता करारा जवाब देगी।

दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स में लगातार इस बात का उल्लेख किया जा रहा है कि पायलट खेमे की मांगों को अब तक सुलह कमेटी ने पूरा नहीं किया है। पिछले वर्ष राजस्थान में पनपने सियासी संकट को रोकने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी। लेकिन पायलट खेमे के नेताओं के हालिया बयान इसी और इशारा कर रहे हैं कि राजस्थान सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। 

हाल ही में पायलट समर्थन हरिराम चौधरी ने भी गहलोत मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया है। पायलट समर्थक वेद प्रकाश सोलंकी और रमेश मीणा भी हाल ही में गहलोत सरकार के खिलाफ खुलकर बयानबाज़ी कर चुके हैं। ऐसे में एक दिन पहले जितिन प्रसाद के बीजेपी के कुनबे शामिल होने के बाद से सचिन पायलट की तरफ से भी बगावती सुर उठने के कयास लगने शरू हो गए हैं।