शुभेन्दु के कार्यक्रम में गोली मारो के नारे पर BJP नेताओं को गिरफ्तार करने वाले IG को TMC ने बनाया उम्मीदवार

चंदन नगर के पुलिस कमिश्नर रहे हुमायूं कबीर को तृणमूल कांग्रेस ने डेबरा विधानसभा सीट से बनाया उम्मीदवार, हाल ही में शुभेन्दु अधिकारी के रोड शो में बीजेपी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर सुर्खियों में आए थे कबीर

Updated: Mar 05, 2021, 12:45 PM IST

कोलकाता। तृणमूल चीफ ममता बनर्जी ने आज अपने 291 विधानसभा उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। पार्टी ने वैसे तो 42 मुस्लिम उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है, लेकिन इसमें एक बेहद दिलचस्प नाम है हुमायूं कबीर। ममता बनर्जी ने बताया है कि हुमायूं कबीर डेबरा विधानसभा क्षेत्र से टीएमसी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। कबीर बीते दिनों तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने 'गोली मारो * को' नारा लगाने वाले बीजेपी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया था।

महज महीने भर पहले राजनीति में आए हुमायूं कबीर की उम्मीदवारी इसलिए दिलचस्प है कि उन्होंने 31 जनवरी 2021 तक बतौर पुलिस कमिश्नर के रूम में काम किया। पिछले साल दिसंबर में आईजी के पद पर प्रमोशन पाने वाले 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी हुमायूं कबीर 30 अप्रैल को रिटायर होने वाले थे। उन्हें एक्सटेंशन भी मिल सकता था लेकिन उन्होंने 31 जनवरी को ही निजी आकांक्षाओं को पूरा करने की बात कहते हुए अपनी नौकरी इस्तीफा दे दिया। 

हुमायूं तब मीडिया सुर्खियों में आए जब 21 जनवरी को बंगाल बीजेपी में मेगा रोड शो का आयोजन किया था। इस रोड शो का नेतृत्व कभी टीएमसी में नंबर दो के नेता रहे शुभेन्दु अधिकारी कर रहे थे। फर्क बस इतना था कि वे टीएमसी छोड़कर बीजेपी में चले आए थे। नतीजतन उनके साथ बीजेपी के ही कार्यकर्ताओं की हुजूम थी। इस रोड शो के दौरान बीजेपी के कार्यक्रमों में अक्सर लगने वाला नारा "देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को" बेहद जोशोखरोश से लगाया जा रहा था।

यह भी पढ़ें: बंगाल चुनाव टीएमसी ने उतारे 100 नए उम्मीदवार, नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी ममता

बीजेपी कार्यकर्ताओं को उस वक्त यह विवादित नारा लगाना भारी पड़ गया जब तत्कालीन पुलिस कमिश्नर हुमायूं कबीर के कानों तक इसकी आवाज सुनाई दी। पुलिस ने मामले पर तत्काल कार्रवाई कड़ते हुए हिंसा भड़काने की कोशिश के आरोप में बीजेपी के तीन नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। विवादित नारेबाजी को लेकर गिरफ्तारी की खबर आने के बाद बंगाल बीजेपी ने खूब हंगामा किया था और इसी दौरान हुमायूं कबीर पर मीडिया की नजरें पड़ी। बीजेपी का आरोप था कि वे सीएम को खुश कर के लिए यह एक्शन ले रहे हैं।

कबीर ने इस घटना के दसवें दिन ही पुलिस की नौकरी छोड़ दी। इसके बाद उनके टीएमसी में आने की अटकलें तेज हो गई थी। हालांकि, इस्तीफे को उन्होंने व्यक्तिगत निर्णय बताते हुए कहा था कि अभी वह कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं। इसके कुछ दिनों बाद वे आधिकारिक तौर पर टीएमसी के सदस्य बन गए। हुमायूं की पत्नी पहले से ही टीएमसी से जुड़ी हुई है।