कश्मीर में दाखिल हुई भारत जोड़ो यात्रा, नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने किया स्वागत

पंजाब से पठानकोट के रास्ते भारत जोड़ो यात्रा जम्‍मू-कश्‍मीर पहुंच गई है.. बीती शाम राहुल गांधी ने जम्मू के लखनपुर में रैली की जिसमें कई पार्टियों के बड़े नेताओं के साथ पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला शामिल हुए और कहा यह यात्रा देश के फ़ायदे के लिए है

Updated: Jan 20, 2023, 03:04 AM IST

जम्मू कश्मीर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई में चल रही 'भारत जोड़ो यात्रा' जम्मू-कश्मीर पहुंच गई है। कठुआ के लखनपुर से राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर में दस्तक दी है। जिस यात्रा को उन्होंने कन्याकुमारी से शुरू किया था, अब वो अपने अंतिम पड़ाव की ओर चल दी है। दरअसल, भारत जोड़ो यात्रा के पड़ाव वाला कश्‍मीर आख‍िरी प्रदेश है। यात्रा 30 जनवरी को श्रीनगर में संपन्न होगी।

गुरुवार शाम सवा छह बजे के करीब भारत जोड़ो यात्रा के लखनपुर पहुंचने के साथ ही पूरा क्षेत्र भारत माता के जयघोष से गूंज उठा। हजारों की संख्या में मशाल के साथ दाखिल हुई यात्रा का नेतृत्व राहुल गांधी ने हाथ में मशाल पकड़कर किया। अंधेरे में भी मशाल की रोशनी और भारत जोड़ो यात्रा से रावी पुल चकाचौंध दिखाई दिया। बड़ी संख्या में कश्मीरी लोग राहुल के स्वागत में खड़े दिखे।

गुरुवार देर शाम यात्रा का वीडियो जो सामने आया उसमें रात के अंधेरे में कांग्रेसी हाथ में मशाल और तिरंगा लहराते हुए आगे बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं। कांग्रेस की तरफ से कई तस्वीरें भी साझा की गई हैं।
तस्वीरों में राहुल गांधी के हाथ में मशाल है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुला भी मशाल के साथ नजर आ रहे हैं।

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जम्मू कश्मीर में प्रवेश के साथ ही पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने राहुल गांधी का दिल खोलकर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि कई सदियों पहले शंक्राचार्य दक्षिण भारत से आए थे। आज राहुल गांधी कन्याकुमारी से कश्मीर आए हैं। अब्दुल्ला ने भावुक होकर कहा, "इससे पहले कि मैं अपनी आंखें बंद करूं, मैं अपने धर्मनिरपेक्ष हिंदुस्तान को फिर से देखना चाहता हूं... जहां सभी का सम्मान हो।"

सिर झुकाकर आया हूं: राहुल गांधी

जम्मू कश्मीर लोगों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि, "मेरे पूर्वज इसी भूमि से संबंध रखते थे।
जैसे आज मैं जम्मू-कश्मीर आया हूं, इसी तरह मेरा परिवार भी जम्मू कश्मीर से उत्तर प्रदेश गया होगा।
यहां आते वक्त मैं सोच रहा था, मैं अपने घर जा रहा हूं। जब व्यक्ति जड़ की ओर जाता है, वह बहुत कुछ सीखता है। मैं भी यहां आपसे सीखने आया। मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों की पीड़ा समझता हूं। आपने बहुत दर्द झेले हैं। मैं आपकी पीड़ा समझ सकता हूं और सिर झुकाकर आज आपके पास आया हूं।"

कांग्रेस नेता ने कहा कि, "हम प्रतिदिन 25 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। कन्याकुमारी से साढ़े तीन हजार किलोमीटर चलकर यहां पहुंचे हैं। लेकिन कुछ लोगों की भविष्यवाणी के उलट इस दौरान यात्रा में कोई भी नहीं थका। मुझे बाद में लगा कि हम थकान महसूस नहीं कर रहे हैं क्योंकि लोग हमें आगे बढ़ा रहे हैं। अगर कोई गिरता है, तो उसे चंद सेकेंड में सहारा मिल जाता है... कोई किसी से नहीं पूछ रहा कि आपका धर्म क्या है। बीजेपी और आरएसएस ने नफरत फैलाई है। पहले मैंने सोचा था कि यह बहुत गहराई तक फैला है, लेकिन ऐसा नहीं है और ऐसा मुख्य रूप से टेलीविजन पर दिखाई देता है।"