सदन में विपक्ष के साथ हुई मारपीट थी अक्षम्य, बिहार विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकारी गलती

बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान आक्रामक विरोध कर रहे विधायकों के साथ पुलिस ने की थी मारपीट, आरजेडी ने ठहराया राज्य सरकार को दोषी

Updated: Jul 29, 2021, 08:33 AM IST

पटना। बिहार विधानसभा में इस साल बजट सत्र के दौरान जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ पुलिस ने मारपीट की थी। विपक्षी दल आरजेडी के विधायकों के साथ हुई मारपीट की इस घटना को विधानसभा अध्यक्ष ने अस्वीकार्य करार दिया है। विधानसभा अध्यक्ष ने अपनी गलती मानते हुए कहा है कि सदन के भीतर जो हुआ वह अस्वीकार्य और अक्षम्य है।

मॉनसून सत्र के दौरान विपक्ष द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने पर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा, 'गलती हुई है, अपमान हुआ है। लेकिन अपमान इस आसन का नहीं बल्कि सदन का हुआ है। किसी विधायक को सदन के भीतर बूट से मारा गया तो यह विधायक का नहीं बल्कि विधायिका का अपमान है। विधायकों को बूट से मारना गलत है और यह माफी के योग्य नहीं है।'

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हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा इस मसले पर सरकार का अब भी बचाव करते हुए दिखे। उन्होंने कहा की पुलिस बुलाने का निर्णय उनका खुद का था। इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी कहा कि इसमें राज्य सरकार ने कोई भूमिका नहीं निभाई थी। सदन के भीतर जो कार्रवाई हुई वह विधानसभा अध्यक्ष का निर्णय था। उन्होंने ही सदन के भीतर पुलिस बुलाने का निर्णय लिया था।'

मामले पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि सदन के भीतर जो घटित हुआ वह राज्य सरकार के उकसावे पर हुआ। विधायकों की पिटाई के मामले पर उन्होंने राज्य की एनडीए सरकार को कसूरवार ठहराते हुए कहा कि उसने ही पुलिस को उकसाया। वह बार-बार ये भी पूछते रहे कि विधायकों की पिटाई करने का आदेश पुलिस को किसने दिया था।

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दरअसल, 23 मार्च 2021 को बजट सत्र खत्म होने से एक दिन पहले बिहार विधानसभा के भीतर अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हुई थी। सरकार के किसी फैसले का विरोध कर रहे मुख्य विपक्षी दल आरजेडी के विधायकों को घसीटते हुए सदन के बाहर निकाला गया था। इस दौरान कई पुलिसकर्मी विधायकों के साथ हाथापाई करते, उन्हें बूट से पीटते कैमरे में कैद हुए थे। इस घटना के बाद देशभर में नीतीश सरकार की तीखी आलोचना हुई थी।