बुलडोजर जस्टिस देश के कानून को ध्वस्त करने जैसा, सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी

शीर्ष अदालत ने कहा कि वैध तरीके से बने घर को गिराकर परिवार में किसी एक के कथित अपराध की सजा उसके पूरे परिवार को नहीं दी जा सकती।

Updated: Sep 13, 2024, 01:01 PM IST

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक बार फिर बुलडोजर एक्शन को लेकर तल्ख टिपण्णी की। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि यह देश के कानून को ध्वस्त करने जैसा है। अदालत ने कहा कि वैध तरीके से बने घर को गिराकर परिवार में किसी एक के कथित अपराध की सजा उसके पूरे परिवार को नहीं दी जा सकती।

जस्टिस ऋषिकेश रॉय, जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने एक घर गिराने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति ने अपराध किया है तो उसके पूरे परिवार या कानूनी तरीके से बनाए उसके घर पर एक्शन नहीं ले सकते हैं।

दरअसल, गुजरात में नगरपालिका की तरफ से एक परिवार को बुलडोजर एक्शन की धमकी दी गई थी। याचिकाकर्ता गुजरात के खेड़ा जिले के कठलाल में एक जमीन का सह-मालिक हैं। याचिकाकर्ता के अनुसार, FIR दर्ज होने के बाद नगर निगम के अधिकारियों ने उसके घर पर बुलडोजर चलाने की धमकी दी। उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

सितंबर में यह दूसरा मौका है, जब SC ने बुलडोजर एक्शन पर नाराजगी जाहिर की है। इससे पहले 2 सितंबर को कोर्ट ने कहा था कि किसी केस में व्यक्ति दोषी भी हो, तब भी ऐसी कार्रवाई नहीं की जा सकती है।