Cash For Query Case: महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द, एथिक्स कमेटी की सिफारिश मंजूर

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने महुआ मोइत्रा मामले पर कहा कि सदन की गरिमा और मर्यादा को कायम रखने के लिए यदि कुछ कड़े फैसले लेने की जरूरत पड़ी तो लेने होंगे।

Updated: Dec 08, 2023, 03:57 PM IST

नई दिल्ली। कैश-फॉर-क्वेरी मामले में घिरीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता खत्म कर दी गई है। शुक्रवार को इस संबंध में फैसला लेते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सदन की गरिमा और मर्यादा को कायम रखने के लिए यदि कुछ कड़े फैसले लेने की जरूरत पड़ी तो लेने होंगे। विपक्ष ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। वहीं, महुआ मोइत्रा ने कहा कि एथिक्स कमेटी ने ठीक से जांच नहीं की।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने चर्चा के दौरान कहा कि 406 पन्नों की रिपोर्ट इतनी जल्दी कैसे पढ़ें, इसे पढ़ने के लिए 3-4 दिन का समय दिया जाए। कार्रवाई को लेकर चौधरी ने कहा कि लोकतंत्र के लिए यह काला दिन है। सत्ताधारी दल के सदस्य हर रोज संसद की मर्यादा भंग करते हैं, लेकिन कुछ नहीं होता। महुआ मोइत्रा के विरुद्ध बदले की भावना के तहत कार्रवाई की गई है।

लोकसभा सदस्य के रूप में अपने निष्कासन पर महुआ मोइत्रा ने कहा, "अगर इस मोदी सरकार ने सोचा कि मुझे चुप कराकर वे अडानी मुद्दे को खत्म कर देंगे, मैं आपको यह बता दूं कि इस कंगारू कोर्ट ने पूरे भारत को केवल यह दिखाया है कि आपने जो जल्दबाजी और उचित प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है, वह दर्शाता है कि अडानी आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है, और आप एक महिला सांसद को किस हद तक परेशान करेंगे।"

लोकसभा में 12 बजे एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पेश की गई थी, जिस पर 2 बजे चर्चा हुई। स्पीकर ने महज आधे घंटे चर्चा की अनुमति दी थी। चर्चा के बाद स्पीकर ने वोटिंग करवाई। इस दौरान विपक्ष ने सदन से वॉक आउट कर दिया। वहीं, स्पीकर ने ध्वनिमत से कमेटी की सिफारिश को पारित कर दिया। ऐसे में महुआ मोइत्रा को सदन से निष्कासित कर दिया गया।

चर्चा के दौरान लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने महुआ मोइत्रा को एथिक्स कमेटी की सिफारिश पर सदन में बोलने की इजाजत नहीं दी थी। उन्होंने कहा था कि उन्हें पैनल मीटिंग में बोलने का मौका मिला था। मामले पर कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने कहा कि 12 बजे एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट आई और 2 बजे बहस शुरू हो गई। यह बहुत ही संवेदनशील मामला है। महुआ मोइत्रा को अपनी पूरी बात कहने का मौका मिलना चाहिए था।

मामले पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि ऐसा लगता है ढाई मिनट में किसी ने तैयार कर दी हो। आरोप लगाने वालों से जिरह करने का कोई प्रयास नहीं किया गया। सीधे संसद सदस्य के सस्पेंशन पर पहुंचना वास्तव में अपमानजनक है। महुआ मोइत्रा के सस्पेंशन के विरुद्ध विपक्षी सांसदों ने गांधी प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन भी किया।