UGC EXAMS 2020 : Corona महामारी में परीक्षाएं अनुचित

Congress Speak India : ऑनलाइन प्रोटेस्ट में देश भर से छात्रों ने रखी अपनी बात

Publish: Jul 11, 2020, 02:57 AM IST

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने देश भर के तमाम विश्वविद्यालयों को सितंबर अंत तक हर हाल में अंतिम  वर्ष के छात्रों की परीक्षाएं आयोजित कराने के निर्देश दिए हैं। कांग्रेस आज अपने छात्र संगठन एनयूएसआई के सहयोग से यूजीसी के इस फैसले के विरुद्ध सोशल मीडिया पर अभियान चला रही है। कांग्रेस के इस ऑनलाइन अभियान का देश भर में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों का भी समर्थन मिल रहा है। छात्रों की तरफ से कांग्रेस ने यूजीसी से परीक्षाएं रद्द करने की मांग की है।

यूजीसी का फैसला कोरोना को बढ़ा देगा
यूजीसी द्वारा परीक्षाओं के आयोजन पर लिए गए निर्णय के खिलाफ ऑनलाइन अभियान में भाग लेते हुए विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र और छात्राओं ने यूजीसी से उसके निर्णय को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की है। छात्रों ने कहा है कि देश भर में कोरोना का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस समय दुनिया भर में कोरोना से संक्रमित देशों में भारत तीसरे स्थान पर काबिज़ है। निकट भविष्य में कोरोना के थमने के आसार फिलहाल नज़र नहीं आ रहे हैं। ऐसे में परीक्षाओं का आयोजन खतरे से खाली नहीं है। छात्रों का कहना है कि यदि परीक्षाओं का आयोजन होता है तो भीड़ बढ़ने की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पाएगा। छात्रों का कहना है कि यूजीसी का यह निर्णय देश भर में कोरोना के मामलों में और वृद्धि कर देगा। 

6 महीने की फीस भी माफ़ हो

परीक्षाओं के रद्द करने के साथ साथ छात्रों ने यूजीसी से उनके अंतिम सेमेस्टर की फीस भी माफ़ करने की है। कई छात्रों  का कहना है कि कोरोना महामारी और  लॉकडाउन की वजह से उनका परिवार वित्तीय समस्या से जूझ रहा है। छात्रों के मुताबिक़ उनके माता पिता की नौकरियां चली गई हैं। ऐसे में छात्रों का कहना है कि वे अंतिम सेमेस्टर की फीस भरने में सक्षम नहीं हैं। इसलिए छात्रों ने माँग की है कि उनके आखिरी 6 महीने की फीस भी माफ़ कर दी जाए।

यूजीसी असमंजस की स्थिति पैदा कर रही है 
कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने कहा है कि आईआईटी व अन्य शैक्षणिक संस्थानों ने छात्रों को उनके पिछली परीक्षाओं में प्राप्त अंक के आधार पर पास करने का निर्णय लिया है। लेकिन यूजीसी द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देश असमंजस की स्थिति पैदा कर रहे हैं। ऐसे में वायनाड सांसद राहुल गाँधी ने यूजीसी से परीक्षाओं का आयोजन न करा कर छात्रों को पिछली परीक्षाओं में प्राप्त अंक के आधार पर पास करने का अनुरोध किया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के अलावा कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा,केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी और मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष एकनाथ गायकवाड़ ने भी एनएसयूआई के इस अभियान का समर्थन किया है।

कांग्रेस के स्‍पीक इंडिया ऑनलाइन विरोध कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा है कि कोविड ने हर किसी को नुकसान पहुंचाया है;  हमारे छात्र जो कॉलेज, यूनिवर्सिटी में हैं उनको भी कष्ट का सामना कर पड़ रहा है। यूजीसी भ्रम की स्थिति पैदा करने की बजाय स्पष्ट फैसला लेकर छात्रों को उनके पूर्व के प्रदर्शन के आधार पर बिना परीक्षा पास करें।

 

यूजीसी ने अपने दिशानिर्देश में क्या कहा है ? 
यूजीसी ने अपने दिशानिर्देशों में कहा है कि सितम्बर अंत तक आयोजित होने वाली परीक्षाओं का आयोजन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही माध्यमों से किया जा सकेगा। इसके साथ ही परीक्षाओं को तात्कालिक परिस्थितियों के हिसाब से मिश्रित रूप से भी आयोजित किया जा सकेगा। मसलन, कुछ परीक्षाएं ऑनलाइन तो कुछ ऑफलाइन माध्यम से भी आयोजित की जा सकेंगी। यूजीसी ने अपने दिशानिर्देश में यह भी कहा है कि जो छात्र किसी कारण परीक्षा नहीं दे पाते हैं उनके लिए बाद में तात्कालिक परिस्थितियों के हिसाब से परीक्षाओं का आयोजन होगा। तो वहीं बैक लोग वाले छात्रों की परीक्षाओं का भी आयोजन तात्कालिक परिस्थितियों के हिसाब से किया जाएगा।