बर्लिन, ब्रुसेल्स, लंदन समेत यूरोप में कई एयरपोर्ट पर टेक्निकल ब्लैकआउट, साइबर हमले से हवाई यातायात ठप

यूरोप के प्रमुख एयरपोर्ट्स, लंदन, ब्रसेल्स और बर्लिन में साइबर हमले के कारण चेक-इन और बोर्डिंग में व्यवधान आया। कई फ्लाइट्स में देरी हुई और कुछ रद्द हुईं। एयरपोर्ट्स ने अतिरिक्त स्टाफ तैनात किया और यात्रियों से समय से पहले फ्लाइट की पुष्टि करने की सलाह दी।

Publish: Sep 20, 2025, 05:46 PM IST

यूरोप। यूरोप के प्रमुख एयरपोर्ट्स पर साइबर हमले की खबर सामने आई है। इनमें, लंदन, ब्रसेल्स, बर्लिन जैसे बड़े हवाईअड्डे शामिल हैं। इसकी वजह से यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इस हमले के कारण चेक-इन और बोर्डिंग प्रक्रियाओं में गंभीर व्यवधान आया, जिससे कई फ्लाइट्स में देरी हुई और कुछ को तो रद्द ही करना पड़ा। कॉलिन्स एयरोस्पेस, जो इन एयरपोर्ट्स को चेक-इन और बोर्डिंग सेवाएं प्रदान करता है, ने पुष्टि की कि उनके सिस्टम पर साइबर हमला हुआ है। इस हमले के बाद एयरपोर्ट प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा के लिए तुरंत कदम उठाए।

हीथ्रो एयरपोर्ट ने यात्रियों को सलाह दी कि वे अपनी फ्लाइट की स्थिति एयरलाइन से पहले जांच लें और लंबी उड़ानों के लिए तीन घंटे पहले, घरेलू उड़ानों के लिए दो घंटे पहले एयरपोर्ट पर पहुंचें। साथ ही चेक इन क्षेत्रों में अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती की गई है ताकि यात्रियों की मदद की जा सके और लंबी कतारों से होने वाली परेशानी कम हो।

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ब्रसेल्स एयरपोर्ट में, साइबर हमले के कारण स्वचालित चेक-इन और बोर्डिंग सेवाएं बंद हो गईं। कर्मचारियों ने मैन्युअल प्रक्रिया अपनाई, लेकिन इसके बावजूद कई फ्लाइट्स में देरी हुई और कुछ को रद्द करना पड़ा। एयरपोर्ट प्रशासन ने यात्रियों से अनुरोध किया कि वे अपनी फ्लाइट की पुष्टि एयरलाइन से पहले कर लें।

बर्लिन एयरपोर्ट ने भी अपनी वेबसाइट पर जानकारी दी कि यूरोप के सिस्टम प्रोवाइडर में तकनीकी समस्या के कारण चेक-इन में लंबा इंतजार हुआ। एयरपोर्ट प्रशासन ने कहा कि समस्या को जल्द हल करने के प्रयास जारी हैं। इस साइबर हमले के कारण यूरोप के यात्रियों को काफी असुविधा हुई है। एयरपोर्ट्स और एयरलाइनों ने स्थिति को सामान्य करने और यात्रियों की मदद करने के लिए सभी संभव कदम उठाए हैं। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे समय से पहले एयरपोर्ट पहुँचें और अपनी फ्लाइट स्थिति की पुष्टि हमेशा एयरलाइन से करें।