गर्भवती व दूध पिलाने वाली महिलाएं नहीं लगवाएं वैक्सीन, केंद्र सरकार का निर्देश

कोरोना टीकाकरण अभियान के आगाज से पहले सरकार ने जारी की गाइडलाइंस, केवल 18 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए है टीका

Updated: Jan 15, 2021, 05:09 AM IST

Photo Courtesy: Jagran
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नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई का निर्णायक क्षण आ गया है। कल से देशभर में कोरोना का टीकाकरण अभियान प्रारंभ हो जाएगा। इसी बीच केंद्र सरकार ने गाइडलाइंस जारी कर बताया है कि किन लोगों को टीका लगवाना है। सरकार ने गर्भवती व दूध पिला रही महिलाओं को स्पष्ट रूप से टीका न लेने को कहा है। 

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 टीकों की इंटरचेंजिंग की अनुमति नहीं है यानी एक टीका अलग और दूसरा अलग नहीं देना है। पहली खुराक जिस टीके की ली गई है, दूसरी खुराक भी उसी टीके की लेनी होगी। साथ ही गर्भवती और दूध पिलाने वाली महिलाएं टीके न लगवाएं क्योंकि उन्हें अभी तक कोरोना के किसी भी टीके के क्लिनिकल ट्रायल का हिस्सा नहीं बनाया गया है। केंद्र सरकार ने राज्यों को पत्र लिखकर यह तमाम एहतियात बरतने का दिशा-निर्देश जारी किया है। 

मंत्रालय ने सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में यह भी कहा है कि कोविड-19 टीके केवल 18 साल या उससे अधिक आयु के लोगों के लिए हैं यानी 18 वर्ष से कम आयु के लोगों को टीका देने से साफ मना किया गया है। टीकाकरण को लेकर पीएमओ ने बयान जारी कर कहा है कि, 'प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 16 जनवरी को सुबह 10.30 बजे वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत करेंगे। यह विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान होगा।' 

देश में कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान के पहले दिन करीब तीन लाख स्वास्थ्य कर्मियों को 2,934 केंद्रों पर टीके लगाए जाएंगे। प्रत्येक टीकाकरण सत्र में अधिकतम 100 लाभार्थी ही शामिल होंगे। सरकार ने कोविड-19 महामारी, टीकाकरण और इसके डिजिटल प्लेटफॉर्म से संबंधित सवालों के समाधान के लिए 24×7 संचालित होने वाले कॉल सेंटर और हेल्पलाइन 1075 स्थापित की है। 

गौरतलब है कि देश में दो तरह के वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है जिनमें 'कोविशील्ड' और 'कोवैक्सीन' शामिल है। कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने मिलकर तैयार किया है, जबकि उसका प्रोडक्शन भारत के पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रही है। जबकि कोवैक्सीन को हैदराबाद की कंपनी भारत बॉयोटेक ने विकसित किया है और उसका प्रोडक्शन भी कंपनी खुद ही कर रही है।