घर ढहा देना न्याय नहीं बर्बरता है, बुल्डोजर जस्टिस अस्वीकार्य, यह बंद होना चाहिए: प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी ने कहा कि कानून बनाने वाले, कानून के रखवाले और कानून तोड़ने वाले में फर्क होना चाहिए। सरकारें अपराधी की तरह व्यवहार नहीं कर सकतीं।

Updated: Aug 24, 2024, 05:10 PM IST

नई दिल्ली। भाजपा शासित प्रदेशों में बात-बात पर आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने की प्रवृत्ति खत्म नहीं हो रही है। मध्य प्रदेश के छतरपुर की घटना के बाद अब बुलडोजर जस्टिस के विरुद्ध विपक्षी दल कांग्रेस आक्रमक है। इसी बीच अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी बुलडोजर संस्कृति के विरुद्ध टिपण्णी की है। उन्होंने कहा कि ये न्याय नहीं, बर्बरता की पराकाष्ठा है।

प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, 'अगर कोई किसी अपराध का आरोपी है तो उसका अपराध और उसकी सजा सिर्फ अदालत तय कर सकती है। लेकिन आरोप लगते ही आरोपी के परिवार को सजा देना, उनके सिर से छत छीन लेना, कानून का पालन न करना, अदालत की अवहेलना करना, आरोप लगते ही आरोपी का घर ढहा देना- यह न्याय नहीं है। यह बर्बरता और अन्याय की पराकाष्ठा है।'

प्रियंका गांधी ने आगे लिखा, 'कानून बनाने वाले, कानून के रखवाले और कानून तोड़ने वाले में फर्क होना चाहिए। सरकारें अपराधी की तरह व्यवहार नहीं कर सकतीं। कानून, संविधान, लोकतंत्र और मानवता का पालन सभ्य समाज में शासन की न्यूनतम शर्त है। जो राजधर्म नहीं निभा सकता, वह न तो समाज का कल्याण कर सकता है, न ही देश का। बुल्डोजर न्याय पूरी तरह अस्वीकार्य है, यह बंद होना चाहिए।' 

इससे पहले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी बुलडोजर संस्कृति की आलोचना की थी। उन्होंने शनिवार सुबह एक ट्वीट में लिखा, 'मैं बुलडोज़र संस्कृति के खिलाफ हूँ। आरोपी को दंड मिलना चाहिए लेकिन दंड देने का अधिकार अदालत को है किसी भी प्रशासकीय अधिकारी या MP MLA साहब को नहीं है। छतरपुर में शहज़ाद अली का मकान पुलिस पर पथराव करने के कारण तोड़ा गया या अतिक्रमण करने के कारण तोड़ा गया? यह बात प्रशासन को खुलासा करना चाहिए।'

बता दें कि दो दिन पहले छतरपुर पुलिस स्टेशन में पत्थरबाजी की घटना हुई थी, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी घायल भी हुए थे। इसके अगले ही दिन पुलिस ने एक आरोपी का बंगला ढहा दिया। इतना ही नहीं बुलडोजर से तीन लग्जरी कारों को भी रौंद दिया गया। इस मामले में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी।