इयरबड से लिया जा रहा था दिग्विजय सिंह का सैंपल, ऑक्सिजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन, वैक्सीन के बाद अब RT-PCR किट की कमी

6 सुझावों के साथ चिट्ठी लिख दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री को चेताया, कहा सरकार मामले की गंभीरता को नहीं समझ रही, लॉकडाउन का फैसला राज्यों पर छोड़ने की सलाह

Updated: Apr 15, 2021, 11:34 AM IST

नई दिल्ली। देशभर में बेलगाम हो रहे जानलेवा कोरोना वायरस संक्रमण के बीच ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन और कोरोना वैक्सीन की कमी के बाद अब जांच की किट की शॉर्टेज भी सामने आ रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य सभा एमपी दिग्विजय सिंह ने इस बाबत प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। राज्यसभा सांसद ने बताया है कि किस तरह सैंपल लेने के लिए किटों की कमी के कारण ईयरबड्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने पीएम को छः अहम बिंदुओ पर कार्य करने का सुझाव भी दिया है। लॉकडाउन को लेकर उन्होंने कहा है कि यह राज्यों पर छोड़ देना चाहिए और देशव्यापी तालाबंदी की कोई जरूरत नहीं है।

प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित पत्र में दिग्विजय सिंह ने लिखा, 'पिछले कुछ महीनों में अप्रत्याशित रूप से कोरोना के मामलों में वृद्धि हुई है। पिछले साल फरवरी में ही राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को सुनामी जैसी स्थिति के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी थी। हालांकि दुर्भाग्य है कि सरकार कोरोना के गंभीर खतरों को तब समझ नहीं पाई और आज अस्पतालों में बेड्स, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन और यहां तक कि फैबिफ्लू 800 एमजी टैबलेट्स की भी कमी है।'

कांग्रेस नेता ने पत्र में बुधवार की एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि सरकारी छुट्टी को देखते हुए उन्होंने एक निजी लैब से अपने RT-PCR के लिए सैंपल लेने को बुलाया था। लेकिन सैंपल कलेक्ट करने आए टेक्नीशियन के पास टेस्ट किट नहीं थी, और गले से स्वैब लेने के लिए टेक्नीशियन ने अपने थैले से कान साफ करने वाला ईयरबड्स निकाला और उसपर रुई लपेटने लगा। जब उनकी पत्नी ने आपत्ति जाहिर की तो लैब वालों ने बताया कि RT–PCR टेस्टिंग किट है ही नहीं। टेस्टिंग किट का शॉर्टेज है, ऊपर से सामान नहीं आ रहे हैं इसलिए उन्हें ये रास्ता अपनाना पड़ रहा। उन्होंने चिंता जताई कि जब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ये हालत है तो सुदूर इलाकों में क्या हो रहा होगा।

यह वाकई चिंताजनक है कि देश की राजधानी दिल्ली में एक प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके व वर्तमान में राज्य सभा सांसद की पद पर बैठे व्यक्ति को RT-PCR जांच के लिए जूझना पड़ रहा हो और जांच के लिए लैब से ईयरबड्स भेजे जा रहे हों। इस घटनाक्रम से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस महामारी ने देश में कितना कहर बरपाया है और इससे लड़ने के लिए हम कितने तैयार हैं।

सिंह ने केंद्र को दिए 6 अहम सुझाव

1. केंद्र सरकार को गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के चिकित्सा बिलों के भुगतान के लिए राज्यों को फंड जारी करना चाहिए।

2. दैनिक आधार पर अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई को मॉनिटर किया जाना चाहिए।

3. रेमडिसिवर इंजेक्शन जिसे एक्सपोर्ट के लिए रखा गया था उसे तुरंत ट्रांसपोर्ट कर कमी वाले राज्यो, शहरों में भेजा जाना चाहिए। मुझे जानकारी मिली है कि इसके लिए DGCI की मंजूरी चाहिए, जो तत्काल देना चाहिए।

4. प्रत्येक पीएचसी और सिविल डिस्पेंसरी में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करवाया जाना चाहिए और फिलहाल कोई निर्यात नहीं किया जाना चाहिए।

5. 24 घंटे ऑक्सीजन सप्लाई और जरूरी दवाओं जैसे रेमेडेसिविर और फैबिफ्लू 800 एमजी टैबलेट्स की आपूर्ति को मॉनिटर करने के लिए कंट्रोल रूम बनाए जाने चाहिए।

6. प्रत्येक पीएचसी और सिविल डिस्पेंसरी में आरटी-पीसीआर टेस्टिंग किट्स की उपलब्धता सुनिशचित किया जाना चाहिए। 

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दिग्विजय सिंह ने आगे लिखा है की इस आपात स्थिति में हम सबको इस बात का एहसास होना चाहिए कि हम किन परिस्थितियों से गुजर रहे हैं। राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को उन्होंने गैरजरूरी बताया है और कहा कि केंद्र को लॉकडाउन का फैसला राज्यों पर छोड़ देना चाहिए। इस आपात स्थिति से निपटने के किए उन्होंने प्रधानमंत्री से सर्वदलीय बैठक बुलाने की भी अपील की है। कांग्रेस नेता ने चिट्ठी के साथ ही एक नोट भी भेजा है जिसमें रेमडेसिविर इंजेक्शन की शॉर्टेज को खत्म करने के किए जरूरी उपायों पर कदम उठाने की बात की गई है।