सोशल एक्टिविस्ट हर्ष मंदर के घर ED का छापा, केंद्र की नीतियों के खिलाफ रहे हैं मुखर

सोशल एक्टिविस्ट और रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हर्ष मंदर के घर और दफ्तरों में प्रवर्तन निदेशालय का छापा, सांप्रदायिक सद्भाव के लिए 'कारवां ए मोहब्बत' ग्रुप चलते हैं हर्षमंदर

Updated: Sep 16, 2021, 12:14 PM IST

Photo Courtesy : NDTV
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नई दिल्ली। केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर को अपना अगला टारगेट बनाया है। रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हर्ष मंदर के राजधानी दिल्ली स्थित घर और दफ्तरों में ईडी की टीम छापेमारी कर रही है। ईडी ने यह छापेमारी ऐसे समय में की है जब हर्ष मंदर अपनी पत्नी के साथ एक फेलोशिप प्रोग्राम के लिए जर्मनी गए हुए हैं। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक ईडी के अधिकारियों को इस बात की जानकारी थी कि हर्ष मंदर आज सुबह निकलने वाले हैं। उनके जाने के बाद जांच एजेंसी के अधिकारियों ने योजनाबद्ध तरीके से हर्ष मंदर के घर और दफ्तरों में छापेमार कार्रवाई शुरू कर दी। छापेमारी के दौरान हर्ष मंदर के घर में उनकी बेटी सरूर मंदर मौजूद थीं। बताया जा रहा है कि दक्षिण दिल्ली के अधचीनी, वसंतकुंज और महरौली में स्थित कम से कम तीन परिसरों पर छापे मारे जा रहे हैं।

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हर्ष मंदर के घर यह कार्रवाई क्यों हो रही है इस संबंध में केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों ने औपचारिक रूप से कुछ नहीं कहा है। हालांकि, कई मीडिया संस्थान ईडी सूत्रों के हवाले से बता रहे हैं कि मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में रेड हुई है। दरअसल, हर्ष दो चिल्ड्रन होम चलाते हैं। इनका नाम है उम्मीद अमन घर और खुशी रेनबो होम। इन दोनों होम में जरूरतमंद बच्चों को वे अपने बाल-बच्चों की तरह रखते हैं और पढ़ाई-लिखाई से लेकर उनकी सारी जरूरतों को पूरा करते हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय की टीम यह जांच करने पहुंची है कि वे चिल्ड्रेन होम को कैसे चलाते हैं और इसके लिए वे पैसे कहाँ से जुटाते हैं। इसके पहले NCPCR ने भी आरोप लगाया था कि हर्ष मंदर अपने चिल्ड्रेन होम के बच्चों को केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों में लेकर जाते हैं। NCPCR ने दिल्ली हाईकोर्ट से भी मांग की थी कि उनके चिल्ड्रेन होम के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

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हर्ष मंदर के खिलाफ इस कार्रवाई को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों का आक्रोश देखने को मिला है। ट्विटर यूजर्स का आरोप है कि केंद्र की मोदी सरकार सामाजिक कार्यकर्ताओं की आवाज को दबाने के लिए उनके खिलाफ छापेमारी करवा रही है। ट्विटर पर हर्ष के समर्थन में दो लाइनें ट्रेंड हो रही हैं जिसमें लिखा है, 'डटे रहो हर्ष मंदर, डरे हुओं से डरना क्या'। 

बता दें कि हर्ष मंदर एक आईएएस अधिकारी रहे हैं। उन्होंने साल 2020 में गुजरात दंगों से आहत होकर अपनी नौकरी को छोड़ दी। इसके उन्होंने संकल्प लिया था कि वे आजीवन हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदाय में आपसी भाईचारे के लिए अभियान चलाएंगे। हर्ष मंदर ने ही 'कारवां ए मोहब्बत' ग्रुप को बनाया था जो सांप्रदायिक सौहार्द के लिए काम करती है। हर्ष मंदर डॉ मनमोहन सिंह सरकार में राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं।