राजस्थान और ओडिशा के बाद दिल्ली, बंगाल, सिक्किम में पटाखों पर पाबंदी, बचाव में उतरे तमिलनाडु के मुख्यमंत्री

Firecrackers Ban: 5 राज्यों में पटाखा के इस्तेमाल और बिक्री पर रोक, तमिलनाडु के सीएम ने लिखा सरकारें पटाखा कारोबार से जुड़े लोगों के बारे में भी सोचें

Updated: Nov 06, 2020, 04:16 AM IST

दिल्ली सरकार ने पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण पाबंदी लगा दी है। यह पाबंदी 7 से 30 नवंबर तक लागू रहेगी। दिल्ली में प्रदूषण की वजह से आ रही स्वास्थ्य समस्याओं और कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र सरकार ने ये कदम उठाया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवासियों का आह्वान किया कि वो दिवाली में पटाखे न जलाने और एक साथ लक्ष्मी पूजन का संकल्प लें। केजरीवाल ने कहा है कि सभी दिल्लीवासी दिवाली के दिन 7.39 बजे एक साथ लक्ष्मी पूजा करें और कोरोना व प्रदूषण भगाने में मदद करें। उन्होंने एक डिजिटल प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि महानगर इस वक्त कोरोना और प्रदूषण से दोतरफा जंग लड़ रहा है। हम पूरा प्रयास करें कि इन दोनों से हम जीत जाएं। प्रदूषण की वजह से कोरोना मरीज़ों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। गुरूवार को कोरोना मरीज़ों की तादाद 6843 रही। 

कोलकाता होईकोर्ट ने भी लगाया बैन

कोलकाता हाइकोर्ट ने भी पश्चिम बंगाल में आगामी त्योहारों को देखते हुए पटाखों की खरीद-बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने अपने एक आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा है कि कालीपूजा, दीपावली, जगाद्धात्री पूजा, कार्तिक पूजा और छठपूजा के दौरान पटाखों की खरीदी पर पूर्ण रूप से रोक रहेगी।  

दरअसल गुरूवार को संजीव बंद्योपाध्याय और अरिजीत बंद्योपाध्याय की खंडपीठ एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। जनहित याचिका में यह उल्लेख किया गया था कि पटाखे से फैलने वाले प्रदूषण के कारण कोरोना के मरीजों को सांस लेने में तकलीफ की समस्या बढ़ सकती है। लिहाज़ा राज्य में पटाखों की खरीद बिक्री पर रोक लगा दी जाए। 

हाई कोर्ट ने राज्य प्रशासन की तारीफ की 
हाई कोर्ट ने दुर्गा पूजा के दौरान पंडालों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने काली पूजा के दौरान भी 300 वर्गमीटर से कम क्षेत्रफल वाले पूजा पंडालों के मामले में पांच मीटर की दूरी पर 'नो एंट्री' का बोर्ड लगाना अनिवार्य कर दिया है, जबकि 300 वर्गमीटर से बड़े पंडालों के मामले में पुलिस निर्णय लेगी। पूजा पंडालों के अंदर एक साथ 10 से अधिक लोगों को अनुमति नहीं दी जाएगी। हाई कोर्ट ने दुर्गा पूजा के दौरान हाई कोर्ट के आदेश का अनुपालन करने के लिए राज्य प्रशासन की तारीफ़ भी की है। 

कोरोना महामारी को देखते हुए राजस्थान, ओडिशा और सिक्किम ने पहले ही पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। दूसरी तरफ मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने राज्य में चाइनीज़ पटाखों पर बैन लगाया है। चाइनीज़ पटाखों की खरीद बिक्री करने वालों को दो साल की सजा का प्रावधान तय किया गया है। यही नहीं, शिवराज सरकार ने पटाखों पर देवी देवताओं की तस्वीर इस्तेमाल करने पर भी रोक लगाई है। 

तमिलनाडु का प्रतिरोध

तमाम राज्यों में एक के बाद एक हो रहे इस बैन से तमिलनाडु के मुख्यमंत्री चिंतित हो गए हैं। मुख्यमंत्री पलानिस्वामी ने राजस्थान और ओडिशा की सरकारों को पत्र लिखा कि इस पाबंदी से राज्य के ८ लाख लोगों की रोज़ी रोटी पर संकट आ गया है। ये ८ लाख लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्क्ष रूप से पटाखा उद्योग से जुड़े हुए हैं। अगर ये पाबंदी जारी रही तो तमिलनाडु में इस कारोबार से जुड़े लोगों की आर्थिक स्थिति प्रभावित होगी। तमिलनाडु देश में ग्रीन क्रैकर्स बनानेवाला प्रमुख राज्या है और मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में राजस्थान और ओडिशा से अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए भी कहा है।