पूर्व CJI पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला की भी हुई जासूसी की कोशिश, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

इजराइली कंपनी NSO द्वारा पेगासस स्पाईवेयर के ज़रिए हैकिंग के प्रयास के कथित दावों के बीच एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं, अब फोन हैकिंग के शिकार होने वाले लोगोंं की लिस्ट में वह महिला भी शामिल हो गई है, जिसने पूर्व सीजेआई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे

Updated: Jul 19, 2021, 01:27 PM IST

नई दिल्ली। पेगासस जासूसी कांड में एक और बड़ा खुलासा हुआ है।  हैकिंग के इस खुलासे के सिलसिले में भारत के अंग्रेज़ी वेब पोर्टल ने यह दावा किया है कि पूर्व सीजेआई पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला से जुड़े कुल 11 फोन नंबरों की हैकिंग की भी कोशिश की गई थी। अंग्रेज़ी वेब पोर्टल ने यह कहा है कि वह अपने इस इस दावे की पुष्टि भी कर सकता है। हालांकि यह खुलासा करने वाले वेब पोर्टल ने फॉरेंसिक जांच के लिए महिला से जब संपर्क किया तो पीड़िता ने वेब पोर्टल की रिपोर्ट का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया।  

वेब पोर्टल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला से जुड़े कुल 11 फोन नंबर को पेगासस के ज़रिए हैक करने की कोशिश की गई थी। पीड़िता द्वारा रंजन गोगोई पर आरोप लगाए जाने के कुछ दिनों बाद ही उससे जुड़े फोन नंबरों की हैकिंग की कोशिश की गई। 

जिन 11 फोन नंबरोे की हैकिंग की कोशिश की गई,उनमें से तीन फोन नंबर खुद पीड़िता के थे। पीड़िता के तीन फोन नंबर में से दो नंबरों को उसकी शिकायत के कुछ दिनों बाद ही हैक करने की कोशिश की गई। जबकि तीसरे नंबर को उसकी शिकायत के एक हफ्ते बाद हैक करने की कोशिश की गई। इसके अलावा पीड़िता के पति के पांच नंबरों को भी हैक करने की कोशिश की गई। 

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जबकि बाकी तीन नंबर पीड़िता के दो देवरों के थे। अंग्रेज़ी वेब पोर्टल ने कहा है कि वह इस बात का दावा नहीं कर सकता कि हैकर्स पीड़िता या उससे जुड़े तमाम फोन नंबर को हैक कर पाने में कामयाब हो पाए थे या नहीं। यदि पीड़िता और उनका परिवार फोन की फॉरेंसिक जांच का हिस्सा बनने के विए राज़ी हो जाता, तो इस बात की पुष्टि ज़रुर की जा सकती थी।   

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सुप्रीम कोर्ट में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी ने भारत के पूर्व न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। महिला का दावा था पूर्व सीजेआई ने उसके ऊपर किए एहसानों का हवाला देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की। महिला का आरोप था कि राज़ी न होने के चलते उसे अनुशासनात्मक कार्रवाई से भी गुज़रना पड़ा। वहीं पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अनुशंसा पर सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त उसके देवर को भी काम से हटा दिया गया।

जबकि दिल्ली पुलिस में काम करने वाले महिला के पति और उसके एक देवर को झूठे मामले में फंसाने की साज़िश रचि गई और उन्हें निलंबित कर दिया गया। पूर्व सीजेआई के ऊपर लगे आरोपों पर तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की और सीजेआई को मई 2019 में इस मामले में क्लीन चिट दे दी गई। क्लीन चिट मिलने के बाद महिला के पति और देवर की नौकरी बहाल कर दी गई। लेकिन महिला को जब उसकी नौकरी दोबारा बहाल करने की पेशकश की गई तो महिला ने साफ तौर पर इनकार कर दिया।