आखिर खत्म हुआ गीता का इंतज़ार, महाराष्ट्र के नैगांव में मिली गीता की मां, DNA टेस्ट से हुई पुष्टि

राधा वाघमारे है गीता का असली नाम, उसे 6 साल पहले पाकिस्तान से लाया गया था, गलती से भटकर कराची पहुंची थी

Updated: Mar 11, 2021, 07:15 AM IST

Photo courtesy: aaj tak
Photo courtesy: aaj tak

26 अक्टूबर 2015 में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से भारत लाई गई मूक बधिर गीता का मिलन उसकी असली मां से हो गया। महाराष्ट्र के नैगांव में गीता की फैमिली मिली है। मां बेटी की असली पहचान उनके डीएनए टेस्ट के जरिए हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये जानकारी पाकिस्तान में ईधी वेलफेयर ट्रस्ट की संचालिका बिलकिस ईधी ने दी है। गीता अपनी असली मां मीना के पास पहुंच गई है। गीता का वास्तविक नाम राधा वाघमारे है। हालांकि भारत सरकार या किसी भारतीय एजेंसी की तरफ से अब तक इस खबर की पुष्टि नहीं हुई है।

मूकबधिर गीता के असली माता-पिता को खोजने में साढ़े चार साल से ज्यादा का समय लगा है। इस बीच कई लोगों ने आगे आकर दावा किया कि गीता उनकी बच्ची है। लेकिन अब बताया जा रहा है कि इस बार डीएनए टेस्ट के जरिए कन्फर्म हो गया है कि गीता की असली मां कौन है। खबर है कि कुछ साल पहले गीता के पिता की मौत हो चुकी है। जिसके बाद उसकी मां मीना वाघमारे ने दूसरी शादी कर ली है।

जब गीता 10-12 साल की थी तब वह भटककर गलती से पाकिस्तान पहुंच गई थी। वहां एक सामाजिक संस्था की संचालिका बिलकिस ने ही उसे अपने यहां आसरा देकर देखभाल की थी। मूक बधिर बच्ची का नाम पहले फातिमा रखा गया था, जब बिलकिस को मालूम हुआ कि वह हिन्दू है तो उन्होंने उसे गीता नाम दिया था। इशारों-इशारों में गीता ने बताया था कि वह भारत की रहने वाली है। जिसके बाद 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के प्रयासों से गीता को भारत लाया गया था। भारत लाने के बाद गीता को इंदौर की एक संस्था में रखा गया था।

पिछले करीब पांच साल मे दो दर्जन से ज्यादा दंपतियों ने दावा किया था कि गीता उनकी बेटी है। किसी से गीता की डीएनए मैच नहीं हुआ था। अब आखिरकार गीता को उसकी असली मां मिल गई है। इस बीच गीता को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई चीजों की ट्रेनिंग दी जा चुकी है।