गुजरात: नरोदा नरसंहार के सभी आरोपी बरी, 21 साल पहले हुई थी 11 लोगों की हत्या

नरोदा गाम नरसंहार केस में अहमदाबाद की एक विशेष कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए माया कोडनानी और बाबू बजरंगी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।

Updated: Apr 20, 2023, 07:29 PM IST

अहमदाबाद। गुजरात में 2002 में हुए नरोदा गाम नरसंहार केस में अहमदाबाद की एक विशेष अदालत ने आज फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी माया कोडनानी, बाबू बजरंगी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। 28 फरवरी 2002 यानि 21 साल पहले हुई इस हिंसा में 11 लोगों की जान चली गई थी। हिंसा मामले में 86 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था।

इन आरोपियों में बीजेपी की पूर्व विधायक और बीजेपी सरकार में मंत्री रही माया कोडनानी के साथ ही बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी भी शामिल थे। बता दें कि 86 आरोपियों में से 17 की मौत हो चुकी है। कोर्ट ने आज बचे हुए 69 आरोपियों को बरी कर दिया है। इस मामले में सभी आरोपी पहले से ही जमानत पर बाहर थे।

गोधरा कांड के अगले दिन यानी 28 फरवरी को नरोदा गांव में बंद का ऐलान किया गया था। इसी दौरान सुबह करीब 9 बजे लोगों की भीड़ बाजार बंद कराने लगी, तभी हिंसा भड़क उठी। इस हिंसा में भीड़ के हाथों 11 लोगों की जान चली गई, वहीं नादिया पाटिया में हुई हिंसा में 97 लोगों की जानें चली गईं थी। इस घटना के बाद गुजरात की तत्कालीन बीजेपी सरकार और उनके मंत्रियों पर सवाल उठने लगे। जिसका नाम सबसे ज्यादा चर्चा में आया वो थी माया कोडनानी।

इस मामले में सरकार ने जांच के लिए एसआईटी गठित की थी। एसआईटी ने अपनी जांच में तत्कालीन भाजपा विधायक माया कोडनानी को दंगों का मुख्य आरोपी बनाया था। माया कोडनानी ने खुद पर लगे आरोपों पर कहा था वह गोधरा ट्रेन हत्याकांड में मारे गए कारसेवकों के शवों को देखने के लिए सिविल अस्पताल पहुंची थीं। जबकि कुछ चश्मदीद ने कोर्ट में गवाही दी थी कि कोडनानी दंगों के वक्त नरोदा में मौजूद थीं और उन्हीं ने भीड़ को उकसाया था। अब सबूतों के अभाव में सभी को बरी कर दिया गया है।