MCU में परीक्षा से रोके जाने पर स्टूडेंट्स का हंगामा, कुलगुरु से मिला NSUI प्रतिनिधिमंडल

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में शॉर्ट-अटेंडेंस के आधार पर परीक्षा से रोके गए छात्रों ने NSUI के साथ मिलकर प्रदर्शन किया। छात्रों ने मानसिक उत्पीड़न और HOD के रवैये पर सवाल उठाए।

Updated: Dec 23, 2025, 11:41 AM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय (MCU) में सोमवार को मास कम्युनिकेशन विभाग के छात्रों ने जोरदार प्रदर्शन किया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने शॉर्ट-अटेंडेंस के आधार पर कुछ छात्रों को सेमेस्टर परीक्षा देने से रोक दिया था। मामला सिर्फ परीक्षा तक सीमित नहीं रहा बल्कि छात्रों ने इसे मानसिक उत्पीड़न और विभागीय मनमानी से जोड़ते हुए खुलकर विरोध दर्ज कराया। हालात को संभालने के लिए विश्वविद्यालय के कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी को स्वयं छात्रों के बीच आकर बातचीत करनी पड़ी।

विवाद की जड़ मास कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट में शॉर्ट-अटेंडेंस का मुद्दा बना जहां कुछ छात्रों को अचानक परीक्षा में बैठने से वंचित कर दिया गया। छात्रों का आरोप है कि अटेंडेंस को लेकर पहले कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दिए गए थे और बिना पूर्व सूचना परीक्षा से बाहर कर देना न केवल शैक्षणिक नुकसान है बल्कि मानसिक रूप से भी परेशान करने वाला फैसला है। छात्रों के अनुसार, उन्होंने विभाग स्तर पर अपनी समस्या रखने की कोशिश की लेकिन वहां से कोई समाधान नहीं मिला।

छात्रों के विरोध के बीच NSUI भी समर्थन में सामने आ गई। NSUI प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल MCU पहुंचा और छात्रों की मांगों को प्रशासन के सामने रखा। देखते ही देखते परिसर में नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया जिससे माहौल और अधिक गर्मा गया।

इसी दौरान कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी छात्रों से संवाद करने पहुंचे। बातचीत के दौरान NSUI प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में वे कुलगुरु के सामने सीधे तौर पर कह रहे हैं कि छात्र HOD की सनक का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विभागाध्यक्ष का रवैया तानाशाही जैसा है और छात्रों की बात सुने बिना एकतरफा फैसले थोपे जा रहे हैं।

बैठक के दौरान एक छात्रा ने भी अपनी पीड़ा रखी। उसने आरोप लगाया कि जब छात्र अपनी समस्या लेकर HOD के पास जाते हैं तो उन्हें यह कहकर लौटा दिया जाता है कि मेरी अदालत में आपकी कोई सुनवाई नहीं होगी। छात्रा के इस बयान पर कुलगुरु ने स्पष्ट कहा कि ऐसा रवैया बिल्कुल गलत है और इसकी जांच की जाएगी।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी ने छात्रों और NSUI प्रतिनिधिमंडल की बात विस्तार से सुनी। उन्होंने आश्वासन दिया कि पूरे मामले को निष्पक्षता से देखा जाएगा और किसी भी छात्र के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। कुलगुरु ने यह भी कहा कि यदि किसी शिक्षक द्वारा मानसिक दबाव या दुर्व्यवहार की शिकायत सही पाई जाती है तो उसके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

मुलाकात के दौरान NSUI ने विश्वविद्यालय कैंटीन के पानी से जुड़ा एक और मुद्दा उठाया। संगठन ने कुलगुरु को पानी की लैब जांच रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में पानी के प्रदूषित होने की पुष्टि होने का दावा किया गया है। NSUI ने इसे छात्रों के स्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर मामला बताते हुए तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने की मांग की है।

NSUI प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे ने कहा कि MCU में छात्रों का आक्रोश यह साफ दिखाता है कि उनके साथ अन्याय हुआ है। उन्होंने मांग की है कि जो शिक्षक भय और मानसिक दबाव का माहौल बनाते हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। वहीं, NSUI प्रदेश सचिव अमन पठान ने कहा कि परीक्षा से वंचित करना, दूषित पानी और मानसिक उत्पीड़न जैसे मुद्दे किसी भी हालत में हल्के में नहीं लिए जा सकते।