Corona Health Guidelines: कोरोना से ठीक होने के बाद भी दिक्कत, स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइड लाइन

Corona Updates: अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद भी लोगों को हो रही है परेशानी, स्वास्थ्य मंत्रालय ने खास ख्याल रखने की दी सलाह

Updated: Sep 14, 2020, 03:17 AM IST

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते खतरे के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहली बार कोरोना वायरस से ठीक हो चुके मरीजों की पूर्ण रिकवरी को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं। दरअसल, कोरोना वायरस से उबर चुके कई मरीजों को कई दिनों तक थकान, सांस लेने में दिक्कत, खांसी, बदन दर्द और बुखार की शिकायत हो रही है। ऐसे में वे पोस्ट कोविड केयर के लिए फिर से डॉक्टरों का सहारा ले रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन्हीं सब बातों के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इस बात के सीमित सबूत हैं कि कोरोना से ठीक हो जाने के बाद भी लोगों को दिक्कत हो रही है। हालांकि, मंत्रालय का कहना है इस संबंध में रिसर्च की जरूरत है। मंत्रालय ने बताया कि कोरोना वायरस से गंभीर रूप से बीमार हुए और पहले से ही किसी बीमारी से जूझ रहे लोगों को उबरने में ज्यादा समय लगेगा। 

 

कोरोना से ठीक होने के बाद क्या करें

  • शुरुआती दिनों में बुखार, खांसी, सांस लेने में दिक्कत इत्यादि लक्षणों का खास ख्याल रखें। परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • अस्पताल से डिस्चार्ज होने के सात दिनों के बाद डॉक्टर को अपने स्वास्थ्य की जानकारी दें। सबकुछ ठीक होने पर भी एक महीने के अंतराल पर डॉक्टर से मिलें। 
  • घर पर खुद की मॉनिटरिंग करना ना भूलें। अपना ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर जांचे। ऑक्सिमीटर से ऑक्सीजन की मात्रा जांचते रहें।
  • खाने पीने का खास ख्याल रखें। आसानी से पचने वाला खाना खाएं। शराब और धूम्रपान से दूर रहें। पर्याप्त नींद लें।
  • एक साथ अनेक दवाइयां लेने से बचें। इम्युनिटी बढ़ाने वाली दवाइयां लें। सुबह दूध के साथ च्यवनप्राश लेना सही होगा।
  • अस्पताल से डिसचार्ज होने के बाद अगर सही लगे तो हल्का व्यायाम शुरू करें। ऑफिस का काम तुरंत शुरू ना करें। डॉक्टर ने सांस की जो एक्सरसाइज बताई है, उसका खास ध्यान रखें। 
  • कोविड 19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए। योगा और मेडिटेशन ग्रुप में हिस्सा लें। अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें। 
  • जो लोग घर पर ही रहकर ठीक हुए हैं और अगर उनके अंदर बीमारी के लक्षण दिखते हैं तो उन्हें बिना किसी देरी के अस्पताल में भर्ती होना चाहिए।