इंदौर में MPPSC के प्रदर्शनकारियों को भेजा जेल, दिग्विजय सिंह ने मोहन सरकार की मंशा पर उठाए सवाल
MPPSC के विरुद्ध प्रदर्शन करने वाले छात्र नेता राधे जाट व रंजीत किसानवंशी को गिरफ्तार कर पुलिस ने भेजा जेल, कुछ दिन पहले ही सीएम मोहन यादव ने दिया था मांगें पूरी करने का आश्वासन
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में MPPSC के स्टूडेंट्स द्वारा अपनी मांगों को लेकर शहर में कई दिनों तक प्रदर्शन किया गया। सीएम मोहन यादव के आश्वासन के बाद छात्र धरने से उठे। लेकिन अब वादा पूरा करने की बजाए सरकार बदला पूरी करती नजर आ रही है। प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले छात्र नेताओं राधे जाट व रंजीत किसानवंशी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मोहन सरकार की मंशा पर सवाल उठाए है।
MPPSC ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के दोनों सदस्यों को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार किया था। बताया जा रहा है कि पूरा दिन पुलिस उन्हें शहर में इधर-उधर घुमाती रही। देर रात उन्हें थाने लाया गया। जबकि गुरुवार को जेल भेज दिया गया। पुलिस ने दोनों पर धारा 151 के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भेजा है।
पुलिस का कहना है कि वे बिना अनुमति धरना प्रदर्शन करने की योजना बना रहे थे। इससे पहले भी एमपीपीएससी न्याय यात्रा के दौरान उन पर धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया था। बुधवार को भंवरकुआं पुलिस ने नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के दो सदस्य राधे जाट और रंजीत को उनके घर से उठा लिया था। वे दोपहर 12 बजे डीडी पार्क में एक मीटिंग करने वाले थे।
बताया जा रहा है कि कम पदों पर भर्ती के विरोध में वे डीडी पार्क पर अभ्यर्थियों के साथ बैठक करने वाले थे। इसके लिए राधे ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो स्टेटस डाला था, जिसमें उन्होंने सभी अभ्यर्थियों से आने की अपील की थी। बुधवार सुबह, जब अभ्यर्थी डीडी पार्क पर पहुंचने वाले थे, उससे पहले ही पुलिस ने राधे जाट और रंजीत किसानवंशी को उनके घर से उठा लिया।
मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, 'कुछ दिन पहले ही जिला प्रशासन व एमपी शासन ने युवाओ को उनकी मांगों को स्वीकार किया था, फिर जो वादे किये गए थे उनको पूरा नहीं करने का क्या कारण है? उनकी मांगें वाजिब हैं। बेरोजगारों को अपनी मांगे रखने का पूरा अधिकार है। गिरफ्तार किए गए राधे जाट व रंजीत किसानवंशी को तत्काल रिहा करें। लोकसेवा आयोग में सुधार के रचनात्मक सुझाव देने वाले बेरोजगार युवा नेता रंजीत किसानवंशी, राधे जाट को जिला जेल इंदौर भेज दिया है। क्या यह न्याय पूर्ण है? जबकि 41 का नोटिस देकर मुचलके पर छोड़ने का नियम है (जिन अपराध में 7 वर्ष से कम सजा है।) क्या इंदौर पुलिस कमिश्नर निर्दोष बेरोजगारों के साथ न्याय करेंगे।'
छात्रों की मांग
1) 2019 से मुख्य परीक्षा की कॉपियां दिखाई जाए एवं मार्कशीट जारी की जाए।
2) Mppsc 2025 में राज्य सेवा में 700 और वन सेवा में 100 पदों के साथ नोटिफिकेशन जारी हो।
3) 87/13 फॉर्मूला खत्म करके सभी परिणाम 100 प्रतिशत पर जारी किए जाए।
4) सहायक प्राध्यापक 2022 सभी विषयों के साक्षात्कार तीन माह के अंदर आयोजित हों एवं अंतिम चयन
5) राजस्थान लोक सेवा आयोग की तरह ही सहायक प्राध्यापक परीक्षा में NET व SET की पात्रता फॉर्म भरते समय न मांग कर साक्षात्कार के समय मांगा जाए।
6) सहायक संचालक कृषि एवं विस्तार ADA का विज्ञापन 100 पद के साथ विज्ञापन जारी किया जाए।
7) सहायक यंत्री सिविल के 450 पदों पर विज्ञापन जारी किया जाए।
8) ITI प्रिंसिपल के साक्षात्कार एक साल से लंबित है जल्द आयोजित कराए जाएं।
9) Mppsc की भर्ती प्रक्रिया में नए सुधार जैसे
* प्रारंभिक परीक्षा में UPSC की तरह एक भी प्रश्न गलत न बनाया जाए।
* CGPSC की तरह मुख्य परीक्षा की कॉपी जांची जायें।
* इंटरव्यू के मार्क्स कम करके बिना कैटेगरी और सरनेम के वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ इंटरव्यू आयोजित हो। प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जाए।
10) लिखित परीक्षा एक ही दिन रखी जाए व Normalisation की प्रक्रिया तत्काल समाप्त की जाए।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने लिखा कि ये सारी माँगें वाजिब हैं और इन बेरोज़गार युवाओं के साथ मुख्यमंत्री जी को चर्चा कर हल निकालना चाहिए।