क्या मोदी सरकार ने मध्य प्रदेश को बीमार छोड़ दिया
एमपी की ऐसी अनेक खबरों के लिए सुनें हम समवेत की ख़ास पेशकश समाचार सारांश
अब अलग अलग अखबार पढ़ने से मुक्ति। हम समवेत के 'समाचार सारांश' में सुनिए एमपी के अखबारों में छपी खबरें एक साथ। यहां आपको मिलेगी वो खबरें जो आपके लिए जानना महत्वपूर्ण हैं।
केंद्र ने कोरोना काल में भी सेहत का बजट रोका
कोरोना काल में भी मप्र को केंद्र सरकार से स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भरपूर राशि नहीं मिली है। इस वित्तीय वर्ष के पांच माह बीतने पर केंद्र से मप्र को 40 फीसदी से भी कम फंड मिल सका है। जिसके चलते नए खुलने वाले 800 से ज्यादा उप स्वास्थ्य केंद्र भवनों का निर्माण, पीएम जनआरोग्य योजना, जिला स्तरीय अमले की पूर्ति और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अमले को वेतन-भत्तें बांटने में दिक्कतें खड़ी हो रही है।
ओबीसी को लाभ देने से सवर्ण नाराज
जातिगत आरक्षण के सहारे सत्ता को साध रही भाजपा के लिए यह राह मुश्किल हो रही है। मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को साधकर चल रही पार्टी के सवर्ण नेताओं में छटपटाहट बढ़ रही है। उनमें भविष्य को लेकर चिंता है, तो उनके समर्थकों प्रशंसकों में भी असंतोष के दबे स्वर सुने जा सकते हैं।
मूंग को खराब बता मांगी जा रही घूस
सीहोर जिले के नसरुल्लागंज ब्लॉक में किसानों की मूंग खरीदी में अव्यवस्थाएं नजर आई। कहीं 15 एसएमएस भेजने के बाद 3 से 4 किसान ही उपज लेकर पहुंचे, तो कहीं एसएमएस ही नहीं पहुंचे। किसानों का आरोप है कि मूंग को कम गुणवत्ता को बता कर तुलाई के भी पैसे मांगे जा रहे हैं। इससे किसानों में आक्रोश है।