संसद में गूंजा हिंडनबर्ग रिपोर्ट का मामला, 13 विपक्षी दलों ने की जांच की मांग, हंगामे के बीच कार्यवाही स्थगित
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर चर्चा को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा देखने को मिला। हंगामे के बीच दोनों सदनों की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई है।

नई दिल्ली। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर चर्चा को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ है। विपक्ष की 13 पार्टियां इस मामले पर चर्चा की मांग कर रही थी। हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा चर्चा के इनकार किए जाने पर विपक्षी सांसद हंगामा करने लगे। हंगामे के बीच लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई है।
अडाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को लेकर कांग्रेस, टीएमसी, आम आदमी पार्टी, सपा, डीएमके, जनता दल और लेफ्ट समेत 13 विपक्षी पार्टियों ने मीटिंग की। यह बैठक राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के चेंबर में हुई। इनमें से 9 पार्टियों ने राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।
विपक्ष की मांग है कि LIC/SBI द्वारा अडानी समूह में किए गए निवेश और निवेशकों को हुए नुकसान पर सदन में चर्चा हो।
— Congress (@INCIndia) February 2, 2023
लेकिन मोदी सरकार न जाने 'किसके' दबाव में तैयार नहीं है। चर्चा से बचने को सदन की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी।
जनता का पैसा डूब रहा है, सरकार आंख पर पट्टी बांधे है।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि लोगों की मेहनत का पैसा बर्बाद हो रहा है। लोगों का विश्वास बैंक और एलआईसी से उठ जाएगा। कुछ कंपनियों के शेयर लगातार गिरते जा रहे हैं। सभी पार्टियों के नेताओं ने मिलकर एक फैसला लिया है कि आर्थिक दृष्टि से देश में जो घटनाएं हो रही हैं उसे सदन में उठाना है इसलिए हमने एक नोटिस दिया था। हम इस नोटिस पर चर्चा चाहते थे लेकिन जब भी हम नोटिस देते हैं तो उसे रिजेक्ट कर दिया जाता है। खड़गे ने कहा कि LIC, SBI सहित अन्य सरकारी संस्थानों में जो लोगों का पैसा है उसकी जांच होनी चाहिए और इसकी प्रतिदिन रिपोर्ट जनता के सामने रखी जाए।
करोड़ों लोगों का पैसा LIC और राष्ट्रीय बैंकों में लगा है।
— Mallikarjun Kharge (@kharge) February 2, 2023
क्यों सरकार ऐसी कंपनियों में सरकारी संस्थानों को निवेश या क़र्ज़ देने को मज़बूर करती है जिनका #HindenburgReport में ख़ुलासा किया है ?
हमारी माँग है कि -
1. Joint Parliamentary Committee (JPC) का गठन किया जाना चाहिए।
1/ pic.twitter.com/o0SoagXcQK
RBI ने सभी बैंकों से अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) को दिए कर्ज की जानकारी मांगी है। यह खबर देने वाली न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि आरबीआई के अफसरों ने इस पर कमेंट्स करने से इनकार कर दिया। हालांकि, बिना नाम बताए उन्होंने यह जानकारी दी।
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बता दें कि अडानी साल 2022 में सबसे ज्यादा दौलत कमाने को लेकर सुर्खियों में रहे थे। अडानी ने साल 2022 में 44 अरब डॉलर की कमाई की थी लेकिन पिछले एक हफ्ते में वह इससे ज्यादा रकम गंवा चुके हैं। अडानी समूह की कंपनियों का मार्केट कैप करीब 100 अरब डॉलर घट गया है। इस रिपोर्ट के आने से पहले अडानी दुनिया के अमीरों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर थे। लेकिन अब वह 15 वें नंबर पर खिसक गए हैं। इतना ही नहीं अडानी के शेयरों में गिरावट लगातार जारी ही है।