मैंने 19 साल की उम्र में अपने पिता का शव अपनी मां के सामने रखा है, मैं शहादत और त्याग को समझती हूं: प्रियंका गांधी
ये मेरे परिवार को कितनी भी गालियां दें, मेरे शहीद पिता का अपमान करें लेकिन हम चुप रहते हैं, क्योंकि ये हमारे संघर्ष को नहीं समझते। हम चुप रहते हैं, क्योंकि इस देश के लिए आस्था और सच्ची श्रद्धा हमारे दिल में है: प्रियंका गांधी
रामनगर। लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने शनिवार को उत्तराखंड के रामनगर में विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने परिवारवाद को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किए जा रहे हमलों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मैंने 19 साल की उम्र में पिता की टूटी हुई लाश मां के सामने रखी। मैं शहादत समझती हूं।
प्रियंका गांधी ने अपने संबोधन में कहा, 'उत्तराखंड से मेरे परिवार का पुराना रिश्ता है। यहां से बचपन की यादें हैं। मेरे पिताजी देहरादून में पढ़े, मेरे भाई पढ़े, मेरे बच्चे भी पढ़े हैं। मैं यहां दो साल पढ़ी। रामनगर के जंगल में छोटा सा मंदिर है। उस मंदिर से मेरी आस्था 13 साल की उम्र से जुड़ी हुई है। मैं उस मंदिर में मत्था टेके बिना यहां से नहीं जाती थी।'
प्रियंका गांधी ने आगे कहा, 'मैं यहां आ रही थी तो सोचा कि सुनूं मोदी जी क्या कह रहे हैं। उनका भाषण खोजा। सुनने लगी। पांच मिनट सुनने के बाद मुझे लगा कि पिछले चुनाव का भाषण दे रहे हैं। मुझे लगा मुझसे लगती हो गई। पुराना भाषण सुन रही हूं। मैंने तारीख देखी तो वह दो दिन पहले का था। बात वह वही कह रहे थे जो पांच साल पहले कह रहे थे। वह कहते हैं बार-बार मोदी सरकार। मन में बात आती है कि भाई कितनी बार मोदी सरकार?'
प्रियंका गांधी ने कहा, 'हिंदू धर्म में आस्था का प्रमाण त्याग है। बिना त्याग के सच्ची श्रद्धा नहीं होती। जब कोई त्यागता नहीं है तो उसके मन में सच्ची श्रद्धा जाग नहीं सकती। मैंने त्याग देखा है। आप अपने बच्चों को सीमा पर भेजते हैं, शहीद बनने के लिए। शहादत आप समझते हैं। मैंने 19 साल की उम्र में अपने पिता की टूटी हुई लाश अपनी मां के सामने रखी। मैं शहादत को समझती हूं। मैं त्याग को समझती हूं। ये मेरे परिवार को कितनी भी गालियां दें, उस पिता के लाश का अपमान करें। उस शहीद पिता का अपमान करें, हम चुप रहते हैं, क्योंकि हमारी आस्था इस देश में नहीं टूटती है।'
उन्होंने कहा, 'हमारी देशभक्ति को ये देशद्रोह कहें, हमें कुछ भी कहें, हम चुप रहते हैं। हम चुप इसलिए रहते हैं क्योंकि दिल में असली श्रद्धा है। PM मोदी ने यहां पर अपने भाषण में सैनिकों की बात की, लेकिन अग्निवीर योजना कौन लाया? नौजवान बच्चे दौड़ लगाते हैं, वर्जिश करते हैं, सेना में जाने के लिए। दिल में देश भक्ति भी भावना होती है। मोदी जी ने तय किया अग्निवीर जैसी योजना आएगी, सेना में भर्ती चार सालों की होगी। जितने भी नौजवान हैं उनकी आशाएं टूट गईं।'