भाजपा में शामिल हो जाऊं तो सारे प्रतिबंध हट जाएंगे, NADA की कार्रवाई पर भड़के बजरंग पूनिया

मैंने कभी भी डोपिंग टेस्ट कराने से मना नहीं किया। NADA की टीम जब मेरे पास टेस्ट के लिए आई थी, तो उनके पास जो डोप किट थी, वह एक्सपायर हो चुकी थी: बजरंग पूनिया

Updated: Nov 27, 2024, 07:11 PM IST

नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए मेडल जीतने वाले स्टार रेसलर बजरंग पुनिया पर बड़ी कार्रवाई हुई है। नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) ने पहलवान बजरंग पूनिया को चार साल के लिए सस्पेंड कर दिया है। पूनिया पर सिलेक्शन ट्रायल के दौरान डोप टेस्ट सैंपल नहीं देने का आरोप है। इस कार्रवाई पर बजरंग पूनिया ने कहा कि अगर मैं भाजपा में शामिल हो जाऊं तो सारे प्रतिबंध हट जाएंगे।

बजरंग पूनिया ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह चौंकाने वाली बात नहीं है, क्योंकि ट्रायल का यह मुद्दा पिछले एक साल से चल रहा है। मैंने पहले भी कहा है कि मैंने नाडा को नमूना देने से इनकार नहीं किया है। जब दिसंबर, 2023 में वे डोप टेस्ट करने के लिए मेरे घर आए, तो वे एक एक्सपायरी किट लेकर आए थे। मैंने सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया था।  आप किसी भी खिलाड़ी को एक्सपायरी किट नहीं दे सकते। वे 2020, 2021, 2022 की एक्सपायरी किट लेकर आए थे। 

बजरंग पूनिया ने कहा कि मैंने अपना यूरिन का नमूना दिया लेकिन फिर मेरी टीम ने किट की जांच की और पाया कि यह एक्सपायर हो चुकी थी। मैं पिछले 10-12 वर्षों से प्रतिस्पर्धा कर रहा हूं और मैंने सभी टूर्नामेंटों, भारत शिविरों के दौरान अपना नमूना पेश किया है। लेकिन सरकार का उद्देश्य हमें तोड़ना है, हमें उनके सामने झुकाना है। अगर मैं भाजपा में शामिल हो जाता हूं तो मुझे लगता है कि मेरे सभी प्रतिबंध हटा दिए जाएंगे।

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बजरंग पूनिया ने इस संबंध में ट्वीट भी किया है। उन्होंने लिखा, 'यह चार साल का प्रतिबंध मेरे खिलाफ व्यक्तिगत द्वेष और राजनीतिक साजिश का परिणाम है। मेरे खिलाफ यह कार्रवाई उस आंदोलन का बदला लेने के लिए की गई है, जो हमने महिला पहलवानों के समर्थन में चलाया था। उस आंदोलन में हमने अन्याय और शोषण के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की थी।मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैंने कभी भी डोपिंग टेस्ट कराने से मना नहीं किया।' 

बजरंग पूनिया ने आगे लिखा कि, 'भाजपा सरकार और फेडरेशन ने मुझे फंसाने और मेरे करियर को खत्म करने के लिए यह चाल चली है। यह फैसला निष्पक्ष नहीं है, बल्कि मेरे और मेरे जैसे अन्य खिलाड़ियों को चुप कराने की कोशिश है। NADA की इस हरकत ने यह साबित कर दिया है कि उन्हें निष्पक्षता से कोई लेना-देना नहीं है। इस तरह के तमाम संस्थान सरकार के इशारे पर चल रहें है। इस प्रतिबंध के पीछे का असली मकसद मुझे चुप कराना और गलत के खिलाफ आवाज़ उठाने से रोकना है।'