रायसेन रेप केस के आरोपी सलमान का शॉर्ट एनकाउंटर, कस्टडी से भागने की कोशिश में पुलिस ने पैर में मारी गोली

रायसेन में 6 साल की बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी सलमान को भोपाल से पकड़े जाने के बाद गौहरगंज लाया जा रहा था, तभी उसने औबेदुल्लागंज के जंगल में पुलिस कस्टडी से भागने की कोशिश की। पुलिस ने उसके पैर में गोली मारकर उसे रोक लिया। घायल आरोपी को हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

Publish: Nov 28, 2025, 10:23 AM IST

रायसेन। मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के गौहरगंज में 6 साल की बच्ची से दुष्कर्म के मामले में फरार चल रहे 23 वर्षीय आरोपी सलमान को घटना के छह दिन बाद भोपाल के गांधीनगर क्षेत्र से पकड़ा गया था। गिरफ्तारी के बाद जब उसे गौहरगंज लाया जा रहा था तभी औबेदुल्लागंज के जंगल में वह पुलिस कस्टडी से भागने की कोशिश करने लगा। पुलिस ने उसे रोकने के लिए उसके पैर में गोली मारी। सलमान घायल होने के बाद गिरफ्तार ही रहा और उसे हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

गुरुवार देर रात गांधीनगर पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर तुरंत गौहरगंज पुलिस के सुपुर्द किया था। गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही स्थानीय संगठनों के कार्यकर्ता थाने पहुंचे थे। लेकिन तब तक आरोपी को वहां से रवाना किया जा चुका था। पुलिस पूछताछ में सलमान ने स्वीकार किया कि वह वारदात के बाद जंगलों से होते हुए भोपाल आया और पैदल ही गांधीनगर इलाके में पहुंचा। उसके खिलाफ 30 हजार रुपये का इनाम घोषित था और लगातार दबाव के चलते पुलिस टीमें छह जिलों में तलाशी अभियान में लगी थीं।

गिरफ्तारी से पहले गौहरगंज में लोग लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारी आरोपी को फांसी देने या पुलिस एनकाउंटर की मांग कर रहे थे। बुधवार को स्कूल ग्राउंड में शांतिपूर्ण धरना हुआ लेकिन शाम को भीड़ के एक हिस्से ने मुस्लिम बावली बस्ती की ओर जाने की कोशिश की जिसे रोकने पर पत्थरबाजी हो गई। इसके बाद पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागकर हालात काबू किए। फिलहाल कस्बे में अघोषित कर्फ्यू जैसी स्थिति है और 500 से अधिक जवान तैनात हैं। DIG प्रशांत खरे ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है।

घटना 21 नवंबर की शाम में हुई थी। 6 साल की बच्ची घर के बाहर खेल रही थी। तभी सलमान उसे चॉकलेट दिलाने के बहाने जंगल की ओर ले गया। वहीं उसने बच्ची का मुंह दबाकर दुष्कर्म किया और फरार हो गया। बच्ची कुछ देर बाद जंगल में रोती हुई मिली। उसे गंभीर हालत में भोपाल एम्स में भर्ती किया गया। डाक्टरों ए मुताबिक फिलहाल बच्ची की हालत स्थिर है।

बच्ची के पिता ने बताया कि वारदात से कुछ देर पहले सलमान उनके घर के पास आया था। कॉलोनी में वह पहले से आता-जाता था। वह अक्सर बच्चों को टॉफियां देता था इसलिए किसी को उस पर शक नहीं था। बच्ची के पिता के मुताबिक, शाम करीब 7:30 बजे बच्ची घर नहीं लौटी तो उसकी तलाश शुरू हुई। लगभग 8 बजे पिता ने बेटी को सड़क से आते देखा। बच्ची के ऊपरी कुर्ती के अलावा उसका शरीर खून से लथपथ था। वह पिता को देखते ही पापा चिल्लाई और दौड़कर उनसे लिपट गई और बताया कि सलमान उसे जंगल में ले गया था और मुंह दबा दिया था। 

पिता और मोहल्ले वालों के मुताबिक, सलमान पहले राजा भैया के क्रेशर पर काम करता था लेकिन खराब व्यवहार के कारण उसे नौकरी से निकाल दिया गया था। इसके बाद वह इधर-उधर घूमता और पिछले दो महीनों से कॉलोनी में ही उठता-बैठता था। उसने बच्चों के बीच खुद को टॉफी देने वाले अंकल के रूप में स्थापित कर लिया था ताकि किसी को शक न हो।

बच्ची की मां ने बताया कि बेटी के चेहरे पर कई चोटों के निशान थे। दोनों गाल सूज गए थे। बच्ची के घुटनों, हाथों और कमर पर गहरी खरोंच के निशान थे। सबसे गंभीर चोटें उसके निजी अंगों पर थीं जिनकी वजह से डॉक्टरों को कई सर्जरी करनी पड़ी।

डॉक्टरों के अनुसार बच्ची के प्राइवेट पार्ट बुरी तरह क्षतिग्रस्त थे। नसों के हिस्से को बायपास करके नया रास्ता बनाना पड़ा ताकि शरीर का सामान्य कामकाज चल सके। फिलहाल बच्ची आईसीयू में होश में है और बातचीत भी कर रही है। लेकिन संक्रमण के खतरे के कारण उसे अभी डिस्चार्ज नहीं किया जा रहा। पूरी रिकवरी में कम से कम छह महीने लगेंगे और भविष्य को लेकर डॉक्टर अभी भी आशंकित हैं।