India China Tension: भारत-चीन में पैंगोग त्सो लेक के मसले पर तनातनी, दोनों ने एक-दूसरे को अपने सैनिक हटाने को कहा

India China Talks: चीन चाहता है पैंगोंग त्सो लेक के दक्षिणी किनारे से भारत अपनी फौज हटाए, भारत ने कहा, पहले चीन उत्तरी किनारे से हटाए अपने सैनिक

Updated: Oct 17, 2020, 06:25 PM IST

Photo Courtesy: Indian Express
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नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच पैंगोंग त्सो झील को लेकर तनातनी जारी है। ताज़ा स्थिति ये है कि चीन पैंगोग त्सो लेक के दक्षिणी किनारे से भारतीय सैनिकों को हटाने की मांग कर रहा है, तो जवाब में भारत ने भी कह दिया है कि पहले चीन को झील के उत्तरी किनारे से अपने सैनिक पीछे हटाने होंगे।

भारत का मानना है कि पैंगोग त्सो के उत्तरी किनारे पर चीन ने एलएसी का उल्लंघन किया है और अगर चीन दक्षिणी किनारे से भारतीय सैनिकों को पीछे हटाना चाहता है तो उसे भी उत्तरी किनारे से पीछे हटना पड़ेगा। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया है कि चीन पर दबाव बनाने के लिए भारतीय सैनिकों ने दक्षिणी किनारे पर रणनीतिक रुप से महत्वपूर्ण सात स्थानों पर बढ़त बना ली है। यही वजह है कि अब चीन भारत से बातचीत करने के लिए मजबूर है। 

सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि पैगोंग त्सो झील के दक्षिणी किनारे पर चुशुल सेक्टर के पास जिन स्थानों पर भारतीय सैनिकों ने बढ़त बनाई है वे रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं। इन स्थानों से भारतीय सैनिक ना केवल स्पैनुगर गैप पर नजर रख सकते हैं बल्कि मोल्डो की भी निगरानी कर सकते हैं, जहां से चीनी सैन्य गतिविधियां संचालित होती हैं। 

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भारत ने चीन के साथ सातवें दौर की बातचीत में साफ कर दिया कि पैंगोग त्सो झील के दोनों किनारों से सैनिकों को आपसी सहमति से पीछे हटाना होगा। चीन अब कह रहा है कि वह सीमा पर शांति बनाए रखने का पक्षधर है। हालांकि, बातचीत में वह इसका संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया कि आखिर वो एलएसी पर सैनिकों की संख्या क्यों बढ़ाता जा रहा है। चीन की इन गतिविधियों को लेकर भारत के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री चिंतित हैं। दूसरी तरफ सातवें दौर की बातचीत में सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत जारी रखने पर सहमति बनी है ताकि तनाव को जल्द से जल्द समाप्त किया जा सके।