सनातनी परंपरा के धर्मध्वजा वाहक जगतगुरु शंकराचार्य के निधन से शोक में डूबा भारत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सांसद दिग्विजय सिंह, एक्टर आशुतोष राणा समेत तमाम दिग्गजों ने दी श्रद्धांजलि, राहुल गांधी ने कहा उन्होंने हमेशा धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने का रास्ता दिखाया।

Updated: Sep 12, 2022, 06:29 AM IST

नरसिंहपुर। सनातनी परंपरा के धर्मध्वजा वाहक पूज्यपाद जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के देवलोकगमन से भारतवर्ष में शोक का माहौल है। पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सांसद दिग्विजय सिंह, बॉलीवुड अभिनेता आशुतोष राणा समेत तमाम दिग्गजों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में लिखा कि, 'द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। शोक के इस समय में उनके अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति!'

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि, 'पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर, जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी के ब्रह्मलीन होने का समाचार दुःखद है। उन्होंने हमेशा धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने का रास्ता दिखाया। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे। सादर श्रद्धांजलि।'

गृहमंत्री अमित शाह ने अपने ट्वीट में लिखा कि, 'द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। सनातन संस्कृति व धर्म के प्रचार-प्रसार को समर्पित उनके कार्य सदैव याद किए जाएँगे। उनके अनुयायियों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ। ईश्वर दिवंगत आत्मा को सद्गति प्रदान करें। ॐ शांति।'

बॉलीवुड एक्टर आशुतोष राणा ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि, 'शिव और शक्ति को अपने तपोबल से सिद्ध करने वाले, धर्म के साक्षात् स्वरूप, ज्योतिष् पीठाधीश्वर एवं द्वारिका शारदा पीठाधीश्वर, ब्रह्मस्वरूप पूज्यपाद जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज आज दोपहर 3.30 बजे, 99 वर्ष की आयु में परमब्रह्म में विलीन हो गए। 
जिसका ना आदि है ना अंत है ऐसी सनातनी परम्परा के धर्मध्वजा वाहक पूज्यपाद शंकराचार्य जी का चराचर जगत् से महाप्रयाण सत्य ही अपूर्णिय क्षति है। भावभीनी श्रद्धांजलि, दण्डवत प्रणाम।'

राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने लिखा कि, 'हमारे पूज्य गुरुदेव जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के देवलोक गमन की खबर मेरे लिए गहरे आघात जैसी है और बड़ी व्यक्तिगत क्षति है। वे मेरे मार्गदर्शक तो थे ही, मेरे बहुत बड़े शुभचिंतक भी थे। मैं उन्हें अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। ॐ शांति।'

बता दें कि स्वामी स्वरूपानंद महाराज रविवार को 99 वर्ष की आयु में ब्रह्मलीन हो गए। हृदयगति के रुक जाने से अपराह्न 3.21 बजे वह परमात्मा की सेवा में समर्पित हो गए। न सिर्फ सनातन धर्म, देश और समाज के लिए भी उनका अतुल्य योगदान रहा है। महज 9 साल की उम्र में उन्होंने घर छोड़कर धर्म के पथ पर चलना शुरू कर दिया था। 

जब सन 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा लगा तो वह भी स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े और 19 साल की उम्र में वह 'क्रांतिकारी साधु' के रूप में प्रसिद्ध हुए। इसी दौरान उन्होंने वाराणसी की जेल में नौ और मध्यप्रदेश की जेल में छह महीने की सजा भी काटी।

उनकी पहचान महान स्वतंत्रता सेनानी, रामसेतु रक्षक के रूप में भी रही है। गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित करवाने तथा रामजन्मभूमि के लिए भी उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ी। वह गौरक्षा आंदोलन के प्रथम सत्याग्रही रहे और रामराज्य परिषद् के प्रथम अध्यक्ष भी थे। वह पाखण्डवाद के प्रबल विरोधी भी रहे।