India China Tension: भारत को उम्मीद चीन फिर से नहीं होगा आक्रामक

MEA: सीमा विवाद पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान, कहा भारत के साथ मिलकर तनाव घटाने के प्रयास करें चीन

Updated: Sep 18, 2020, 08:35 AM IST

Photo Courtsey: The Economic Times
Photo Courtsey: The Economic Times

नई दिल्ली। एलएसी पर भारत चीन तनाव के बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दोनों देशों के बीच मंत्रालय स्तर की बातचीत में सीमा से सैनिकों को जल्द से जल्द पीछे हटाने पर सहमति बनी है। भारतीय विदेश मंत्रालय का बयान ऐसे समय में आया है, जब तनाव घटाने के लिए दोनों पक्षों के बीच कोर कमांडर स्तर की बैठक होनी है। 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत यह आशा करता है कि चीन फिर से सीमा पर एकतरफा तरीके से यथास्थिति को बदलने की कोशिश नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि चीन को भारत के साथ मिलकर संघर्ष वाले स्थानों पर तनाव को खत्म करने का प्रयास करना चाहिए। 

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इससे पहले पिछले सप्ताह दोनों देशों के विदेश मंत्री मॉस्को में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में मिले थे। तब दोनों के बीच तनाव को खत्म करने के लिए पांच बिंदुओं पर सहमति बनी थी। दोनों ने सहमति जताई थी कि सेनाओं को आपस में संवाद जारी रखना चाहिए, जल्द से जल्द सीमा से पीछे हटना चाहिए और एक दूसरे से पर्याप्त दूरी बनाकर रखनी चाहिए। 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी लोक सभा में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई इस मुलाकात को रेखांकित करते हुए कहा था कि अगर चीन इन बिंदुओं पर अमल करता है तो सीमा पर हालात जल्द से जल्द सामान्य हो जाएंगे। उन्होंने राज्य सभा में भी कहा कि भारत संवाद द्वारा ही इस तनाव का हल निकालने के लिए प्रतिबद्ध है। 

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जुलाई की शुरुआत में चीन ने गलवान घाटी से अपने सैनिक हटा लिए थे। लेकिन गोगरा और पैंगोंग त्सो के उत्त्तरी तट पर उनकी मौजूदगी बनी रही। फिंगर 4 से भी चीनी सैनिक पीछे नहीं हटे। इसी बीच दोनों पक्षों के बीच एक बार फिर से अगस्त के अंत में तनाव बढ़ा और 45 साल बाद एलएसी पर गोलीबारी हुई।