भारत ने सूरज की ओर बढ़ाया कदम, ISRO का पहला सोलर मिशन आदित्य L1 लॉन्च
शनिवार सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर PSLV-C57 के XL वर्जन रॉकेट के जरिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से आदित्य L1 को लॉन्च किया गया।

श्रीहरिकोटा। चंद्रयान-3 की चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कामयाब लैंडिंग के दसवें दिन भारत ने अब सूरज की ओर कदम बढ़ाया है। शनिवार को ISRO ने आदित्य L1 मिशन लॉन्च किया। श्रीहरिकोटा के लॉन्चिंग पैड से 11: 50 बजे आदित्य एल-1 ने अंतरिक्ष में उड़ान भरी। पृथ्वी से एल-1 बिंदु तक यात्रा में 125 दिन और लगेंगे, जहां से उपग्रह सूर्य पर नजर रखेगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक L1 पॉइंट पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता, जिसके चलते यहां से सूरज की स्टडी आसानी से की जा सकती है। इस मिशन की अनुमानित लागत 378 करोड़ रुपए है। आदित्य स्पेसक्राफ्ट को L1 पॉइंट तक पहुंचने में करीब 125 दिन यानी 4 महीने लगेंगे। ये 125 दिन 3 जनवरी 2024 को पूरे होंगे। अगर मिशन सफल रहा और आदित्य स्पेसक्राफ्ट लैगरेंज पॉइंट 1 पर पहुंच गया, तो नए साल में इसरो के नाम ये बड़ी उपलब्धि होगी।
Congratulations India
— Ashutosh Srivastava (@sri_ashutosh08) September 2, 2023
Congratulations to ISRO
Aditya L1 Launch - The first space based Indian mission to study the Sun
Proud moment, All The Best ISRO#ISRO_ADITYA_L1 #isroindia#AdityaL1Launch #Sriharikota #ISRO pic.twitter.com/hD8VlEZHlC
L1 यानी लैगरेंज पॉइंट का नाम इतालवी-फ्रेंच मैथमैटीशियन जोसेफी-लुई लैगरेंज के नाम पर रखा गया है। इसे बोलचाल में L1 नाम से जाना जाता है। ऐसे पांच पॉइंट धरती और सूर्य के बीच हैं, जहां सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल बैलेंस हो जाता है और सेंट्रिफ्यूगल फोर्स बन जाता है। ऐसे में इस जगह पर अगर किसी ऑब्जेक्ट को रखा जाता है तो वह आसानी से दोनों के बीच स्थिर रहता है और एनर्जी भी कम लगती है। सूर्य और पृथ्वी के बीच पांच लैगरेंज पॉइंट हैं। पहला लैगरेंज पॉइंट धरती और सूर्य के बीच 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है।