Indian Railways: रेलवे ने बनाया अक्टूबर में सबसे ज्यादा LHB रेल कोच उत्पादन का रिकॉर्ड

भारतीय रेलवे ने अक्टूबर में दोगुने LHB कोचों का किया उत्पादन, कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री में 3.08 कोचों की अपेक्षा 5.88 कोच रोजाना हुए तैयार, नई तकनीकों से लैस LHB कोच में यात्रा होगी सुरक्षित और आरामदायक

Updated: Nov 03, 2020, 01:21 AM IST

Photo Courtesy: RailPost
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कोरोना काल में मार्च से अक्टूबर तक भारतीय रेलवे ने कई रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किए हैं। इसी कड़ी में अक्टूबर 2020 में सुरक्षित एलएचबी कोचों का रिकॉर्ड उत्पादन भी शामिल हो गया है। इसकी जानकारी रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दी है। उन्होंने बताया है कि रेलवे ने अक्टूबर महीने में LHB कोचों की उच्चतम उत्पादकता को दोगुना कर दिया है।

कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री ने 3.08 कोचों की अपेक्षा 5.88 कोच रोजाना के हिसाब से बनाए हैं। जुलाई में रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला ने 151 एलएचबी कोच तैयार किए थे। जो अपने आप में बड़ा रिकॉर्ड माना जा रहा है। बीते साल से तीन गुना उत्पादन किया गया। इन कोच में ज्यादा सुरक्षित और आरामदायक यात्रा होती है। 

नई तकनीकों से लैस है LHB कोच, इनमें लगा है शॉक अब्जॉर्वर

आपको बता दें कि यह सबसे सुरक्षित प्रकार का कोच होता है। LHB याने लिंक हॉफमेन बुश, जो आपस में टकराते नहीं हैं। LHB जर्मन टैक्नोलॉजी पर बेस्ड हैं। इन कोचों में सीबीसी कपलिंग होती है। यह ज्यादा सुरक्षित होते हैं। CBC कपलिंग की वजह से कोचों के पलटने की गुंजाइश नहीं रहती है। अगर दुर्घटनावश ट्रेन डिरेल होती है तो भी CBC कपलिंग सुरक्षित रहती है, टूटती नहीं है।

LHB कोच पुराने परंपरागत कोच से काफी अलग होते हैं। ये हाई टैक्नोलॉजी से लेस हैं। इनमें बैठन से किसी तरह का झटका नहीं लगेगा, ट्रेन चलने की आवाज कम आती है। इन कोचों का बाहरी हिस्सा स्टील और भीतरी हिस्सा एल्यूमीनियम का बना होता है। इनमें कंट्रोल्ड डिस्चार्ज टायलेट सिस्टम भी होता है।

 मार्च से अक्टूबर तक रेलवे ने बनाए 5 रिकॉर्ड

कोरोना काल में रेलवे ने 5 रिकॉर्ड बना लिए हैं। जून में रेलवे ने सबसे ज्यादा पंक्चुअलिटी का रिकॉर्ड बनाया। 23 जून को पहली बार रेलवे ने सबसे ज्यादा पंक्चुअलिटी हासिल की। उस दौरान 99.54 फीसदी ट्रेनें वक्त पर अपने स्टेशनों पर पहुंची। केवल एक ट्रेन लेट होने की वजह से आंकड़ा 100 फीसदी से थोड़ा दूर रहा। ट्रेनों की सौ फीसदी पाबंदी का रिकॉर्ड 1 जुलाई 2020 को बना। उस दौर में 12 हजार ट्रेनों में से 2% से भी कम यात्री ट्रेनों का संचालन किया जा रहा था।

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 जुलाई में रेलवे ने 2.8 Km लंबी ट्रेन ‘शेषनाग’ बना कर रिकॉर्ड बनाया। भारतीय रेलवे ने ‘शेषनाग’ से पहले दो किलोमीटर लंबी ‘सुपर एनाकोंडा’ नाम की ट्रेन चलाई थी। ‘शेषनाग’ ट्रेन में चार मालगाड़ियों के खाली डिब्बे लगाए गए थे। जिसमें चार इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव सेट लगाए गए थे। ‘शेषनाग’ भारतीय रेल द्वारा चलाई गई अब तक की सबसे लंबी ट्रेन है। जिसमें नौ इंजन और चार गार्ड वैन शामिल हैं। दक्षिण पूर्व सेंट्रल रेलवे (SECR) की इस ट्रेन में 251 डिब्बे हैं। वहीं रेलवे ने अगस्त 2020 में सामानों की माल ढुलाई का रिकॉर्ड अपने नाम किया।

अगस्त में कुल 94.33 मिलियन टन की लोडिंग हुई। जिसमें कोयला, लोहा, खाद्यान, सीमेंट, तेल, उर्वरक भी शामिल था। अगस्त में ही रेलवे ने बैटरी से चलने वाला लोकोमोटिव इंजन तैयार किया था। यह उत्तर रेलवे के लिए लुधियाना में बनाया गया था।